लखनऊ पुलिस ने बिहार के दो युवकों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों युवक ने मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन करवाने के नाम पर 100 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है। फर्जीवाड़ा गिरोह का मास्टर माइंड अभिनव शर्मा (35) है, जो औरंगाबाद जिले के फतेहपुर गांव का रहने वाला है। वो बी-टेक किया हुआ है। दूसरा युवक संतोष कुमार (34) है, समस्तीपुर के रहने वाला है। वो 12वीं पास है। अभिनव शर्मा की लखनऊ में गिरफ्तारी होने के बाद दैनिक भास्कर की टीम उसके गांव फतेहपुर पहुंची। यहां अभिनव के मां-पिता और ग्रामीणों से बातचीत की। रिपोर्ट में पढ़िए परिवार और ग्रामीणों ने क्या कहा…. ठग के पिता सरदार महतो बताते है कि 10 बीघा पुश्तैनी खेत बेचकर बेटे का बेल कराया था और तीन बेटियों की शादियां कराई। कभी हम सुखी-संपन्न थे। आज हम दोनों पति-पत्नी मजदूरी कर पेट पाल रहे हैं। हमें पुश्तैनी जमीन बेचनी पड़ी। 8 साल से बेटे का चेहरा नहीं देखा मां कहती है कि आठ साल से बेटे का चेहरा नहीं देखा है। न उसका कोई पता है।” उन्होंने बताया कि बेटा वाराणसी में किसी लड़की से शादी कर चुका है, पोते-पोतियां भी हैं, लेकिन उन्होंने उनका चेहरा तक नहीं देखा। मां शॉल से चेहरा छुपाए रोती रहीं कि बेटा न घर आता है, न पैसा भेजता है। हमने बेल के लिए खेत बेच दिए और अब मजदूरी करने को मजबूर है। बेटे से हमारा कोई संपर्क नहीं है। ट्रेन से कूद कर भागा था बदमाश ग्रामीण भीम सिंह बताते हैं कि पहली बार उसकी आपराधिक गतिविधियों की जानकारी एक साल पहले हुई। तब वो उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से पेशी पर जाते समय मेरठ के रास्ते पुलिस हिरासत से ट्रेन में कूदकर फरार हो गया था। उसके दादा बिजली विभाग में थे। उससे मेरी एक शादी में मुलाकात हुई थी। गांव में आठवीं तक पढ़ाई करने के बाद वो बाहर चला गया। उसने छठ घाट बनवाया है। शादियों में भी लोगों की आर्थिक मदद करता था। पुनपुन नदी किनारे बनवाया था छठ घाट फतेहपुर गांव के लोगों के मुताबिक, प्रेम प्रकाश शुरू में गलत धंधे में नहीं था। आठ साल पहले उसने औरंगाबाद में नगर थाना के सामने “करियर काउंसिलिंग सेंटर” खोला था। उसी दौरान उसने गांव के सूर्य मंदिर का रंग-रोगन कराया और पुनपुन नदी पर छठ घाट का निर्माण भी कराया। गांव के युवाओं को वह पढ़ाई के लिए प्रेरित करता था। बाद में उसका सेंटर बंद हो गया और वह गांव छोड़कर चला गया। बदमाश के 4 नाम – प्रेम प्रकाश विद्यार्थी, अभिनव शर्मा, राजीव रंजन सिंह उर्फ सर्वेश शुक्ला है । फतेहपुर गांव के रहने वाले बिरजा मेहता ने बताया कि गांव में हम लोग प्रेम प्रकाश विद्यार्थी को कन्हाई लाल के नाम से जानते हैं। वह जालसाजी का काम करता था। लोगों को नौकरी लगाने के नाम पर फंसा कर पैसा ठगता था। शादी के बाद से वह गांव में नहीं रहता है। पहले यहीं रहता था। पहले कोचिंग खोलकर बच्चों को पढ़ाने का काम करता था। जोगिया में जमीन लिया था वह भी बिक गया। जानकारी मिली है कि लखनऊ में गिरफ्तार हुआ है। कुछ साल पहले पुनपुन नदी में छठ घाट का निर्माण उसने कराया था।
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