हीरे जैसा चमकेगा सूरत का बुलेट ट्रेन स्टेशन, जानें क्या होंगी सुविधाएं

हीरे जैसा चमकेगा सूरत का बुलेट ट्रेन स्टेशन, जानें क्या होंगी सुविधाएं

सूरत में जल्द ही बनने जा रहा बुलेट ट्रेन स्टेशन शहर की कनेक्टिविटी और विकास को एक नया आयाम देने वाला है. इस स्टेशन को खास तौर पर यात्रियों की सुविधा और आराम को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. स्टेशन के अंदरूनी हिस्से शांत और आकर्षक होंगे, जहां स्काईलाइट से प्राकृतिक रोशनी और खुला वेंटिलेशन यात्रियों को सुखद माहौल देंगे.

यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं

बुलेट ट्रेन स्टेशन में यात्रियों की जरूरतों को देखते हुए वेटिंग लाउंज, नर्सरी, शौचालय, रिटेल आउटलेट्स जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं. हर स्तर पर आराम से आने-जाने के लिए लिफ्ट और एस्केलेटर लगाए जाएंगे. बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और छोटे बच्चों वाले परिवारों का खास ध्यान रखते हुए स्पेशल साइनबोर्ड, जानकारी देने वाले कियोस्क और पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम लगाए जा रहे हैं ताकि यात्रियों को कहीं भी दिक्कत न हो.

मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी

यह स्टेशन सिर्फ बुलेट ट्रेन तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आसपास के अन्य ट्रांसपोर्ट साधनों से भी जुड़ा होगा. सूरत म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (SMC) और सूरत अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (SUDA) के साथ मिलकर मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन प्लान तैयार किया गया है. इससे यात्री आसानी से मेट्रो, बस, टैक्सी, ऑटो और अन्य साधनों में सफर बदल सकेंगे. इससे समय की बचत होगी और यात्रा और भी आरामदायक बनेगी.

स्टेशन का लोकेशन और कनेक्टिविटी

यह स्टेशन अंत्रोली गांव, सूरत-बारडोली रोड पर बनाया जा रहा है. यहां से कई ट्रांसपोर्ट विकल्प नजदीक हैं.

  • BRTS बस स्टॉप: 330 मीटर
  • प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन: 280 मीटर
  • सूरत रेलवे स्टेशन: 11 किमी
  • सिटी बस स्टैंड: 10 किमी
  • चालथान रेलवे स्टेशन: 5 किमी
  • NH-48 हाईवे: 5 किमी

ग्रीन और सस्टेनेबल डिजाइन

स्टेशन को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, लो-फ्लो सैनिटरी फिटिंग, इको-फ्रेंडली पेंट्स का इस्तेमाल किया गया है. स्काईलाइट और चौड़े ओपनिंग्स से दिन में पर्याप्त रोशनी और हवा मिलेगी, जिससे बिजली की खपत कम होगी. स्टेशन का डिजाइन भी सूरत की पहचान यानी हीरे से प्रेरित है.

प्रोजेक्ट की प्रगति

  • 25 सितंबर 2025 तक प्रोजेक्ट में बड़ी उपलब्धियां हासिल हुई हैं:
  • मुंबई-अहमदाबाद के बीच 508 किमी का कॉरिडोर बन रहा है
  • 323 किमी का वायाडक्ट और 399 किमी का पियर वर्क पूरा हो चुका है
  • 17 नदी पुल, 5 PSC और 9 स्टील ब्रिज तैयार
  • 4 लाख से ज्यादा नॉइज़ बैरियर 210 किमी क्षेत्र में लगाए गए
  • 210 किमी ट्रैक बेड का काम पूरा
  • 2100 से ज्यादा OHE मस्त इंस्टॉल, 52 किमी मुख्य लाइन कवर
  • पालघर जिले में 7 पहाड़ी सुरंगों पर काम जारी
  • BKC से शिलफाटा के बीच 21 किमी सुरंग में से 5 किमी खुदाई पूरी
  • सूरत और अहमदाबाद में रोलिंग स्टॉक डिपो पर काम जारी

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