हिमाचल प्रदेश के छह जिले कांगड़ा, मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर, ऊना और सोलन में आज सुबह 10 बजे तक घना कोहरा छाया। इससे वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। खासकर मंडी शहर में ब्यास नदी किनारे कोहरे के कारण विजिबिलिटी 50 मीटर तक गिर गई। मंडी के ऊपरी इलाकों में कोहरे का बिल्कुल भी असर नहीं दिखा। मौसम विभाग कल और परसों भी इन जिलों में कोहरे का यलो अलर्ट जारी कर रखा है। बिलासपुर में भाखड़ा बांध के आसपास और मंडी की बल्ह घाटी में घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। ताबो का पारा माइनस 9.8 डिग्री तक लुढ़का इस बीच लाहौल स्पीति के ताबो का न्यूनतम तापमान माइनस 9.8 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया है। यह इस विंटर सीजन का सबसे कम पारा है। कल्पा का पारा माइनस 1.5 डिग्री और कुकुमसैरी का माइनस 3.9 डिग्री तक गिर गया है। प्रदेश के 27 शहरों में भी रात का ताममान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे लुढ़क चुका है। मैदानी इलाकों में कोहरा पड़ने से निचले इलाकों में शिमला से ज्यादा ठंड पड़ रही है। बीती रात को शिमला का न्यूनतम तापमान 6.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि मंडी के सुंदरनगर का न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री, भुंतर 2.6, ऊना 5.5, पालमपुर 4.5, सोलन 2.8, मनाली 1.9, कांगड़ा 4.5, हमीरपुर 4.0, बरठी का 3.5, बजौरा का 2.8 डिग्री और बिलासपुर रात का तापमान 6.0 डिग्री तक गिर चुका है। 5 और 7 दिसंबर को हल्की बारिश-बर्फबारी के आसार मौसम विभाग के अनुसार, 5 और 7 दिसंबर को अधिक ऊंचे क्षेत्रों में हल्का हिमपात और मध्यम ऊंचाई वाले भागों में हल्की बारिश हो सकती है। मैदानी इलाकों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। इससे लंबे समय से चला आ रहा ड्राइ स्पेल टूटने की आस बंध गई है। 4 जिलों में दिसंबर में कोल्ड वेव की चेतावनी मौसम विभाग ने पूरे दिसंबर महीने में प्रदेश के चार जिले सोलन, ऊना, बिलासपुर और सिरमौर में कोल्ड वेव की चेतावनी दी है। इन जिलों के निचले इलाकों सामान्य से ज्यादा शीतलहर चलेगी। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। पूरे विंटर सीजन में इन चार जिलों को छोड़कर अन्य सभी जगह तापमान नॉर्मल से अधिक रहेगा। यानी इस बार सर्दियों में कड़ाके की सर्दी नहीं पड़ेगी। बारिश-बर्फबारी भी सामान्य से कम होने का पूर्वानुमान इसी तरह, दिसंबर में बारिश-बर्फबारी भी सामान्य से कम होगी। दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 के बीच भी बारिश सामान्य से कम होने का पूर्वानुमान है। नवंबर माह पहले ही सूखा चला गया है। इस तरह आने वाले दिनों में भी बारिश-बर्फबारी के कम आसार है। इससे सर्दियों में सूखे जैसी स्थिति बन सकती है।
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