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हिमाचल के अस्पतालों से बिना इलाज लौट रहे मरीज:डॉक्टर स्ट्राइक पर, CM के साथ चल रही मीटिंग, AIIMS दिल्ली के चिकित्सक भी साथ आए

हिमाचल प्रदेश में आज डॉक्टरों के सामूहिक अवकाश पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है। मरीजों को OPD में कोई देखने वाला नहीं है। दूर-दराज क्षेत्रों से लोग इलाज की उम्मीद में सुबह सुबह IGMC शिमला समेत प्रदेश के दूसरे अस्पतालों में पहुंचे। मगर उन्हें बिना उपचार घर लौटना पड़ रहा है। IGMC पहुंचे मरीज जीवन राम ने बताया- उन्हें हार्ट की प्रॉब्लम है। मगर आज डॉक्टर नहीं है। शिमला के कुमारसैन की कृष्णा देवी ने बताया- आज IGMC में उनका MRI होना था। मगर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण इनकार कर दिया गया। वह 10 दिन से रिपन अस्पताल में भर्ती है। उन्होंने बताया कि अब उन्हें दोबारा MIR की डेट लेनी पड़ेगी। डॉक्टर की टर्मिनेशन का मामला तूल पकड़ रहा बता दें कि IGMC में मरीज से मारपीट करने वाले डॉक्टर को टर्मिनेट करने के बाद तूल पकड़ गया है। AIIMS दिल्ली के डॉक्टर भी IGMC शिमला के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (RDA) के पक्ष में उतर आए हैं। वहीं हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन (HMOA) और स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स (सैमडकोट) भी RDA के समर्थन में आई है। सीएम के साथ ओक ओवर में चल रही डॉक्टरों की मीटिंग उधर, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के सरकारी आवास ओक ओवर में इसी मामले में मीटिंग चल रही है। यदि मीटिंग में RDA की मांगे नहीं मानी गई तो डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे चुके हैं। ऐसे में प्रदेशवासियों की नजरे सीएम की अध्यक्षता में चल रही मीटिंग पर टिकी है। रिपोर्ट में दोनों की गलती- डॉ. कपिला सैमडकोट एसोसिएशन के महासचिव डॉ. पियूष कपिला ने कहा- जांच रिपोर्ट में मरीज और डॉक्टर दोनों को गलत बोला गया। उन्होंने कहा- मरीज को सुपर स्पेशल वार्ड दे दिया, जबकि डॉक्टर को टर्मिनेट कर दिया। एक-दूसरे को क्रॉस एक्जामिन करने का मौका नहीं दिया। जिन लोगों ने कहा कि इसको (डॉक्टर) को हमारे हवाले कर दो, धमकी दी कि या तो ये खुद मर जाएगा, या फिर देश छोड़ देगा और भीड़ इकट्ठा की, उन लोगों को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया। डॉ. पियूष ने कहा- यह गलत कार्रवाई है। वहीं रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन भी कुछ देर में मीटिंग कर आंदोलन की रणनीति तैयार कर सकती है। वहीं HMOA के महासचिव विकास ठाकुर ने बताया कि HMOA भी RDA का समर्थन करेगी। आईजीएमसी में 22 दिसंबर को हुई थी मारपीट गौरतलब है कि 22 दिसंबर को IGMC शिमला में डॉ. राघव निरूला और मरीज के बीच मारपीट की घटना सामने आई थी। वायरल वीडियो में डॉक्टर मरीज की पिटाई करता दिखा, जबकि मरीज भी डॉक्टर पर पांव से वार करता नजर आया। वीडियो सामने आने के बाद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 24 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। पुलिस भी मामले की जांच कर रही इस मामले में मरीज ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस अलग से जांच कर रही है। हालांकि अस्पताल का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं हो पाया है। पुलिस अब उस व्यक्ति से मूल (ऑरिजनल) वीडियो रिकवर करेगी, जिसने घटना का वीडियो शूट किया था। RDA ने एकतरफा कार्रवाई बताया रेजिडेंट डॉक्टरों का आरोप है कि यह कार्रवाई एकतरफा है। कार्यस्थल पर सुरक्षा, सम्मान और निष्पक्ष कार्रवाई की गारंटी के बिना काम करना मुश्किल हो गया है। डॉक्टरों की प्रमुख मांगों में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करना और प्रशासनिक स्तर पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करना शामिल है। डॉक्टर की टर्मिनेशन के बाद सरकार और डॉक्टरों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी लोग इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।


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