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हिन्दी-मगही साहित्यिक मंच की बैठक में छठ और चुनावी गीतों की रही धूम

सिटी रिपोर्टर | वजीरगंज हिन्दी-मगही साहित्यिक मंच की मासिक बैठक रविवार को उत्साहपूर्वक संपन्न हुई। बैठक में छठ पर्व की आस्था और चुनावी माहौल की झलक दोनों देखने को मिली। मंच के कवि, गीतकार और आमंत्रित प्रतिभागियों ने अपने-अपने अंदाज़ में छठ गीतों और व्यंग्य कविताओं से समां बांध दिया। बैठक की शुरुआत छठ गीतों से हुई, जिसने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया। मंच सदस्य पूर्णेन्दु कुमार ने मगही छठ गीत …तोहरे अरगिया से भरल पूरल बगिया सुरूज देवता, संझिया के बेरिया में नहा के परवइतिया सुरूज देवता गाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। वहीं 8 वर्षीय परी कुमारी ने अपनी मधुर आवाज में …कांच रे बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाय गीत प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा हाल गूंज उठा। चुनावी व्यंग्य कविताओं पर भी जमकर तालियां मंच के वरिष्ठ कवि महेश कुमार सुमन ने अपनी व्यंग्य कविताओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। उनकी कविता …अब तो अजीब-अजीब बातें होने लगी हैं, जो खुद भ्रष्टाचार में लीन हैं, वो भी भ्रष्टाचार मिटाने की बात करने लगे हैं ने समसामयिक राजनीति पर करारा तंज कसा। इसके अलावा उनकी चुनावी कविता …आवेत हको चुनाव, होश में रहीह, नेता अइतो, मंत्री आईतो, झुठमुठ तोहरा खूब समझईतो पर भी दर्शकों ने खूब वाहवाही की। वार्षिकोत्सव की तैयारी पर हुई चर्चा बैठक के समापन पर मंच के आगामी वार्षिकोत्सव समारोह की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान मंच संरक्षक कृष्णचन्द्र चौधरी, अध्यक्ष पंकज कुमार, सुरेन्द्र प्रसाद, क्रांतिवीर शर्मा, सेवानिवृत्त शिक्षक रामचन्द्र दास, अखिलेश कुमार, अमित कुमार, ललन कुमार, प्रभाकर कुमार एवं अन्य सदस्यों ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम का समापन सामूहिक गीत और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।


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