गयाजी में केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने हिजाब विवाद पर बड़ा बयान दिया है। न सिर्फ सीएम नीतीश कुमार का बचाव किया है, बल्कि इस मुद्दे को तूल देने वालों पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर यह हरकत किसी 22 साल के लड़के ने की होती, तो बात समझ में आती। उसने बिना सोचे-समझे, शायद गलत इंटेंशन से ऐसा किया होगा। लेकिन 74 साल का व्यक्ति अगर ऐसा करता है, तो उसे अभिभावक की नजर से देखना चाहिए। नीतीश कुमार उम्र और अनुभव में उस मुकाम पर हैं, जहां उनकी मंशा पर सवाल खड़ा करना खुद में एक राजनीतिक एजेंडा है। केंद्रीय मंत्री ने तर्क दिया एक महिला डॉक्टर आयुष विभाग में ज्वॉइन करने जा रही हैं। हिजाब पहना है, तो एक अभिभावक के तौर पर टोका जाना गलत कैसे हो सकता है। अगर डॉक्टर पेशेंट के सामने जाएंगी, तो कैसे रूबरू होंगी। इस पूरे प्रकरण में नीतीश कुमार ने कुछ भी गलत नहीं किया है। जो लोग इस मुद्दे को बेवजह तूल दे रहे हैं, वे वही कठमुल्ले हैं जो समाज में द्वेष फैलाना चाहते हैं। डॉक्टर को राजनीतिक विवाद में नहीं पड़ना चाहिए मांझी ने अपने निजी अनुभव का हवाला देते हुए कहा कि कल ही दिल्ली में एक बड़े मीडिया हाउस की महिला पत्रकार उनका इंटरव्यू ले रही थीं। बातचीत के दौरान उसके बाल आंखों पर गिर रहे थे। इस पर मैंने सहज रूप से कहा कि बेटा, बाल संभाल लो। इसे ठीक से रखोगे तो अच्छा लगेगा। क्या यह कहना गलत नहीं है। जीतनराम मांझी ने आगे कहा कि मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि महिला डॉक्टर नौकरी ज्वॉइन करेंगी। उससे भी बड़ी खुशी की बात यह है कि खुद महिला डॉक्टर ने कहा है कि नीतीश कुमार की मंशा गलत नहीं थी। डॉक्टर को इन राजनीतिक विवादों में नहीं पड़ना चाहिए और निडर होकर सेवा करनी चाहिए।
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