भोपाल के सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा रेलवे में केवल हलाल मीट परोसे जाने की नीति को चुनौती देने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने संज्ञान लेते हुए रेलवे बोर्ड से दो सप्ताह में जवाब-तलब किया है। मामला दलित समुदाय की आजीविका और हिंदू–सिख यात्रियों के धार्मिक अधिकारों से जुड़ा है। हलाल मीट से दलितों के आजीविका अधिकार प्रभावित
यह शिकायत डॉ. अंबेडकर जनकल्याण समिति, भोपाल के अध्यक्ष सुनील अहिरवार ने NHRC को भेजी थी। शिकायत में कहा गया है कि हलाल पद्धति से वध मुख्य रूप से मुस्लिम समुदाय द्वारा किया जाता है, जबकि दलित समुदाय के पारंपरिक मांस–व्यवसाय को रेलवे की सप्लाई नीति में जगह नहीं मिल रही है।
इससे उनके समान अवसर और व्यवसाय अधिकार प्रभावित हो रहे हैं।
शिकायत में यह भी कहा गया कि ट्रेनों में नॉन–वेज भोजन के लिए केवल हलाल मीट ही उपलब्ध है,जबकि कई हिंदू और सिख समुदाय झटका मीट या अन्य विकल्प मानते हैं। ऐसे यात्रियों को उनकी मान्यताओं के अनुरूप भोजन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जो धार्मिक स्वतंत्रता और भोजन की पसंद के अधिकार का उल्लंघन है। रेलवे को मिला नोटिस, दो हफ्ते में दें जवाब मानवाधिकार आयोग की पीठ, जिसकी अध्यक्षता सदस्य प्रियांक कानूनगो कर रहे थे, ने रेलवे बोर्ड अध्यक्ष को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। रिपोर्ट की एक प्रति आयोग को ईमेल से भी भेजने के आदेश दिए गए हैं। नोटिस में पूछा- फूड पॉलिसी धार्मिक झुकाव दिखा रही है? ये खबर भी पढ़ें…
भोपाल में रेलवे जैसा स्ट्रक्चर बनाने 2 बार टेंडर कैंसिल भोपाल के एमपी नगर में 50 साल पुराने नाले पर प्री-कास्ट तकनीक से रेलवे के अंडरपास जैसा स्ट्रक्चर बनना है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने 2 बार टेंडर निकाले, लेकिन ऐसा स्ट्रक्चर बनाने के लिए कोई नहीं आया और टेंडर कैंसिल हो गए। अब तीसरी बार टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई है। पूरी खबर पढ़ें
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