भास्कर न्यूज | कोटवा रविवार को दीपउ कट के पास हुई सड़क दुर्घटना में मारे गए लोगों का शव गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया। गांव में चारों ओर मातमी सन्नाटा पसर गया। बच्चे, बुजूर्ग, महिलाएं सभी का रो-रोकर बुरा हाल था। परिवार के लोग बदहवास स्थिति में थे। सोमवार को नितेश का बेतिया बसंत और अशोक का कररिया पांडेय टोला गांव स्थित श्मशान घाट पर दाह संस्कार कर दिया गया। जबकि गढ़वा खजुरिया में मो. कैफ और मो. आतिफ को सुपुर्दे-खाक किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। सभी की आंखें नम थी। उधर, कररिया के अशोक साह की मौत से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। सोमवार को जैसे ही पोस्टमार्टम के बाद अशोक का शव उनके घर पहुंचा, परिजनों की चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो गया। घर के दरवाजे पर शव रखे जाने के साथ ही मां-बाप, भाई-बहन और रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मृतक के माता-पिता बार-बार छाती पीटकर बेहोश हो जा रहे थे। उन्हें संभालने के लिए आसपास की महिलाओं को काफी मशक्कत करनी पड़ी। परिवार वालों के अनुसार अशोक अपने परिवार का सहारा था। अचानक हुई इस दुर्घटना ने पूरी जिंदगी को उजाड़ दिया है। गांव के लोगों ने बताया कि अशोक मिलनसार और शांत स्वभाव का युवक था, जिसकी मौत से सभी स्तब्ध हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय नेता और समाजसेवी लगातार पीड़ित परिवार से मिलने पहुंच रहे हैं। सोमवार को भाजपा नेता अखिलेश सिंह, शशि रंजन साहनी, मोहन सहनी सहित कई लोग मृतक के घर पहुंचे और परिजनों को ढाढ़स बंधाया। उन्होंने परिवार को हरसंभव सहायता का आश्वासन भी दिया। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि दुर्घटना की पूरी जांच कर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए, ताकि आगे ऐसी घटनाएं न हो। शोक में डूबे माहौल में शाम को अशोक का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुखाग्नि उनके छोटे भाई ने दी। कोटवा के दिपउ अवैध कट पर रविवार दोपहर हुई सड़क दुर्घटना में मारे गए पांच लोगों के परिजनों को हिट एंड रन के तहत मुआवजा नहीं मिलेगा। उन्हें मुआवजा के लिए मुजफ्फरपुर स्थित ट्रिब्यूनल में केस करना होगा। लंबी सुनवाई के बाद ट्रिब्यूनल के आदेश के अनुसार पीड़ित परिवार को मुआवजा की राशि इंश्योरेंस कंपनी देगी। बताया जाता है कि हिट एंड रन के तहत सिर्फ उसे ही दो लाख मुआवजा देने का प्रावधान है, जिसमें दुर्घटना के बाद गाड़ी की पहचान नहीं हो सके। दीपउ मामले मंे ट्रक की पहचान हो गई है। पुलिस ने ट्रक को जब्त भी कर लिया है। वहीं ट्रक का इंश्योरेंस भी 9 जुलाई 2026 तक वैलिड है। ऐसे में इन पांचों पीड़ित परिवारों को ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद ही मुआवजे की राशि मिल सकेगी। आपदा प्रबंधन से भी फिलहाल नहीं मिलेगा मुआवजा: आपदा प्रबंधन विभाग से भी फिलहाल कोई मुआवजा की राशि नहीं मिल सकेगा। प्राकृतिक आपदा होने की स्थिति में ही यहां से मुआवजा देने का प्रावधान है। विशेष परिस्थिति में यदि सरकार इन परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा करती है तो उस परिस्थिति में मुख्यमंत्री आपदा कोष से घोषित राशि मिल सकेगी। हालांकि अभी तक सरकार की ओर से विशेष मुआवजा देने की घोषणा नहीं की गई है। मोतिहारी| बेतिया बसंत का रहने वाले श्यामाकांत पटेल का पुत्र नीतेश पटेल बेंगलुरु में ऑटो चलाता था। वह अपने साला के शादी में शामिल होने के लिए घर आया था। शादी में मोतिहारी में जाने के लिए कोटवा में सेंडल खरीदने जा रहा था। सेंडल खरीद करने जाते समय वह ट्रक के चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई। उसे एक बेटी है। उसकी शादी 2023 मंे हुई थी। वहीं गढ़वा खजुरिया का रहने वाला मो. आतिफ के पिता का असम में पंक्चर बनाने की दुकान है। पूरा परिवार का भरण-पोषण उसी पर निर्भर है। रविवार को अपने दोस्त के साथ कोटवा जा रहा था, इसी दौरान वह हादसे का शिकार हो गया। आतिफ कोटवा कॉलेज में इंटर का छात्र था। वहीं मो. कैफ के पिता मो. रईश खां अपने गांव गढवा खजुरिया में ही ट्रैक्टर चलाते हैं। उसी से परिवार का गुजारा होता है। कैफ घर का कुछ समान खरीदारी करने कोटवा जा रहा था। उसी दौरान ट्रक की चपेट में आ गया। वहीं कररिया पांडेय टोला निवासी अशोक कुमार दर्जी का काम करता था। उसके पिता मोहन साह स्थानीय स्कूल में रसोइया का काम करते हैं। अशोक अपने भाई प्रमोद कुमार के साथ मोटरसाइकिल से जा रहे थे। ट्रक की चपेट में आने से अशोक की मौत हो गई। जबकि प्रमोद कुमार गंभीर रूप से घायल है। वहीं सितम गुरु उर्फ लोहार गुरु प. चंपारण के मानपुर थाना के वार्ड नंबर- 12 कमना नगर चौहट्टा का रहने वाला था।
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