एमपी में एक नए तरह का स्कैम हो रहा है। ‘एक्सक्लूसिव हाउस पार्टी’ के नाम पर युवाओं को फंसाकर उनसे मोटी रकम वसूली जा रही है। इसके लिए सोशल मीडिया पर आकर्षक वीडियो पोस्ट किए जाते हैं। पार्टी में स्ट्रेंजर मीट जैसे लुभावने वादे किए जाते हैं, हकीकत में ऐसी कोई पार्टी ही नहीं होती। भास्कर रिपोर्टर ने भोपाल में होने वाली एक ऐसी ही हाउस पार्टी के टिकट खरीदे। 14 दिसंबर को ये पार्टी भोपाल के एक रिसॉर्ट में होने वाली थी। तय समय पर भास्कर रिपोर्टर और 50 से ज्यादा युवक-युवतियां वेन्यू पर पहुंचे, लेकिन वहां पार्टी का कोई नामोनिशान नहीं था। सारांश पटेल नाम के जिस शख्स ने सोशल मीडिया पर हाउस पार्टी का पेज बनाया था वो भी डिलीट कर दिया था। खास बात ये है कि जो युवक-युवती ठगी का शिकार हुए भास्कर रिपोर्टर ने उन्हें पुलिस से शिकायत करने के लिए कहा, तो वे बोले- कौन खुद की बदनामी कराएगा? किस तरह से हाऊस पार्टी के नाम पर युवाओं से ठगी हो रही है और कैसे उन्हें अपने जाल में फंसाया जा रहा है। पढ़िए भास्कर इन्वेस्टिगेशन… सोशल मीडिया के जरिए मिला क्लू
भास्कर रिपोर्टर को सोशल मीडिया पर ‘भोपाल हाउस पार्टी’ नाम की आईडी का पता चला। इस आईडी से 14 दिसंबर को होने वाली पार्टी का जोर-शोर से प्रमोशन किया जा रहा था। इस आईडी पर दो तीन वीडियो भी अपलोड किए गए थे। इनमें लड़कियां शॉर्ट ड्रेस पहने थीं। नशे में झूमते कपल्स, पूल किनारे मस्ती करते और हुक्का लाउंज का माहौल दिखाया गया था। ‘स्ट्रेंजर मीट’ का लालच दिया था
इसका सबसे बड़ा आकर्षण ‘स्ट्रेंजर मीट’ का कॉन्सेप्ट था। युवाओं को बताया गया था कि यह एक ऐसी पार्टी होगी, जहां 50 लड़के और 50 लड़कियों के जोड़े बनाए जाएंगे। अनजान लोगों से दोस्ती कराने के लिए खास गेम्स आयोजित करने का भी वादा किया गया। साथ ही पेज पर लिखा था कि पार्टी पूरी तरह से गोपनीय रहेगी। वीडियो लाइक किया तो एडमिन का मैसेज मिला
भास्कर रिपोर्टर ने इन वीडियो को लाइक किया और पेज पर मैसेज भेजा तो एडमिन सारांश पटेल ने सीधे रिपोर्टर से कॉन्टैक्ट किया। भास्कर रिपोर्टर और सारांश पटेल के बीच इस पार्टी को लेकर बातचीत हुई सारांश पटेल: क्या मदद कर सकते हैं?
रिपोर्टर: हाउस पार्टी जॉइन करना है। सारांश पटेल: आपकी एज क्या है?
रिपोर्टर: उम्र क्यों चाहिए? सारांश पटेल: हमारी पार्टी में शामिल होने वाले लोगों की उम्र 21 से 35 साल है।
रिपोर्टर: मेरी उम्र भी 35 साल है। सारांश पटेल: ठीक है वेरिफिकेशन के लिए मेरे वॉट्सऐप नंबर पर आधार आईडी और लोकेशन भेज दो।
रिपोर्टर: लोकेशन क्यों?
सारांश पटेल: आप जिस लोकेशन पर रहते हैं वहीं एक आदमी पार्टी के पास देकर जाएगा। मेरे इंस्टा के बायो में एक फॉर्म है उसे भरकर सब्मिट कर दें। (भास्कर रिपोर्टर ने सारांश के कहने पर फॉर्म भर दिया। पटेल ने वॉट्सऐप पर इसे कन्फर्म किया। इसके बाद उसने रिपोर्टर के वॉट्सऐप नंबर पर पेमेंट के लिए एक बार कोड भेजा।) रिपोर्टर: कितना पेमेंट करना है?
सारांश पटेल: 2 हजार रुपए…।
रिपोर्टर: पार्टी में क्या सुविधा मिलेगी? सारांश पटेल ने इसका जवाब देने की बजाय एक पार्टी का ब्रोशर भेजा। ब्रोशर के मुताबिक ये पार्टी 7 दिसंबर को हो चुकी थी। ब्रोशर में लिखा था कि भोपाल के प्राइवेट एलीट सर्किल में आपका स्वागत है। इस पार्टी में केवल अप्रूव गेस्ट ही मौजूद रह सकते हैं। साथ ही ब्रोशर में पार्टी में परोसे जाने वाले फूड और ड्रिंक्स का भी जिक्र था। जिसमें खुद की शराब की बोतल लाने की भी सुविधा दी गई थी। हुक्का और पूल साइड पार्टी का भी जिक्र था। ये पार्टी भोपाल के एक लग्जरी फॉर्म हाउस में रखी गई थी। जिसका पूरा पता नहीं दिया गया था। पेमेंट कन्फर्म होने के बाद लिखा- स्लॉट बुक
सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद सारांश पटेल ने एक नया वॉट्सऐप ग्रुप हाउस पार्टी भोपाल के नाम से बनाया। उस ग्रुप में भास्कर रिपोर्टर को भी ऐड किया और लिखा कि अब पार्टी से जुड़े सारे अपडेट इसी ग्रुप में दिए जाएंगे। ग्रुप का स्टेटस था ओनली एडमिन यानी ग्रुप के बाकी मेंबर्स इस पर अपने कमेंट नहीं भेज सकते थे। भास्कर रिपोर्टर ने ग्रुप को देखा तो इसमें करीब 50 से 100 नंबर एड किए गए थे। इसमें लड़कियां और लड़के दोनों ही शामिल थे। कुछ देर बाद ग्रुप पर मैसेज आया- स्लॉट बुक। 14 दिसंबर से एक दिन पहले यानी 13 दिसंबर की शाम को ग्रुप पर एक और मैसेज आया। जिसमें पार्टी का वेन्यू दिया गया था। ये हलालपुरा बस स्टैंड के सामने स्थित एक रिसॉर्ट था। सारांश पटेल ने लिखा- ये रहेगी कल की लोकेशन और एंट्री 3 बजे से शुरू हो जाएगी। पार्टी का दिन, युवा पहुंचे और ठगे गए
14 दिसंबर यानी पार्टी वाले दिन भास्कर रिपोर्टर भोपाल के हलालपुर बस स्टैंड के पास स्थित रिसॉर्ट पर पहुंचा। यहां युवक-युवतियों की भीड़ जुटने लगी थी। ये सभी हाउस पार्टी के लिए यहां पहुंचे थे। मगर, यहां पहुंचने पर पार्टी जैसा कोई माहौल नजर नहीं आया। एक पार्टी हो जरूर रही थी, मगर वो फैमिली फंक्शन था। युवा सारांश पटेल को ढूंढ रहे थे। मगर, यहां कोई मौजूद नहीं था। कुछ युवकों ने जब रिसॉर्ट के मालिक से संपर्क किया, तो उन्होंने साफ इनकार करते हुए कहा कि उनके यहां इस तरह की कोई पार्टी बुक नहीं की गई है और न ही उन्हें इस बारे में कोई जानकारी है। यह सुनते ही युवाओं के होश उड़ गए। उन्होंने विरोध करने की बजाय यहां से निकलना बेहतर समझा। भास्कर रिपोर्टर ने युवाओं से कहा कि हमें पुलिस में रिपोर्ट करना चाहिए, तो उनमें से एक युवा बोला- अरे कौन पंगा लेगा, मैं तो पेरेंट्स से छिपकर पार्टी में शामिल होने आया था। भास्कर रिपोर्टर ने एक दो युवाओं से और बात की तो पता चला कि वो इटारसी, होशंगाबाद और बैतूल से इस पार्टी को जॉइन करने आए हैं। किसी ने भी अपने घर में इस पार्टी के बारे में नहीं बताया था। रिसॉर्ट संचालक बोला- हमारे नाम का दुरुपयोग हुआ
बैरागढ़ स्थित जिस रिसॉर्ट का नाम वेन्यू के तौर पर इस्तेमाल किया गया, उसके संचालक ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि 14 दिसंबर को दिनभर उनके पास कई फोन आए और कई युवा सीधे रिसॉर्ट पहुंच गए। वे सभी एक “हाउस पार्टी” के बारे में पूछ रहे थे। उन्होंने कहा, “हमारे यहां उस दिन कोई बुकिंग नहीं थी। ठगों ने बिना हमारी अनुमति के हमारे रिसॉर्ट का नाम इस्तेमाल किया, जिससे हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है।” जानिए कैसे काम करता है यह गिरोह? यह स्कैम एक सुनियोजित तरीके से चलाया जाता है, जिसके हर कदम पर युवाओं को फंसाने की पूरी तैयारी होती है। 1. वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ना: सबसे पहले, पार्टी में रुचि दिखाने वाले युवाओं को एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा जाता है। इस ग्रुप में माहौल बनाने के लिए कुछ फर्जी सदस्य भी होते हैं, जो पार्टी को लेकर उत्साह दिखाते हैं। ‘लिमिटेड एंट्री,’ ‘जल्दी बुक करें,’ और ‘एक्सक्लूसिव क्राउड’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर एक तरह की अर्जेंसी पैदा की जाती है। 2. फॉर्म, फीस और फर्जी वेरिफिकेशन
इंस्टाग्राम पेज के बायो में एक गूगल फॉर्म का लिंक दिया जाता है, जिसे भरना अनिवार्य बताया जाता है। इस फॉर्म में नाम, नंबर और उम्र जैसी जानकारी मांगी जाती है। ताकि यह लगे कि पार्टी केवल परिपक्व लोगों के लिए है। सबसे खतरनाक बात यह है कि उम्र के सत्यापन के नाम पर युवाओं से उनके आधार कार्ड की फोटो या डिटेल मांगी जाती है। इससे न सिर्फ उनके पैसे ठगे जाते हैं, बल्कि उनकी पहचान से जुड़ी संवेदनशील जानकारी भी चोरी हो जाती है, जिसका भविष्य में गलत इस्तेमाल हो सकता है। 3. पेमेंट और वेन्यू का खुलासा
फॉर्म भरने के बाद युवाओं को एक QR कोड या UPI आईडी भेजी जाती है, जिस पर पेमेंट करने के लिए कहा जाता है। पेमेंट का स्क्रीनशॉट भेजने के बाद उन्हें बताया जाता है कि पार्टी का वेन्यू इवेंट के दिन ही बताया जाएगा ताकि गोपनीयता बनी रहे। 4. धोखा देने के बाद गायब
पार्टी वाले दिन पीड़ितों को एक लोकेशन भेजी जाती है। जब वे वहां पहुंचते हैं, तो उन्हें सच्चाई का पता चलता है। इस बीच, ठग अपना फोन बंद कर देते हैं, वॉट्सऐप पर मैसेज का जवाब देना बंद कर देते हैं और कुछ ही घंटों में इंस्टाग्राम अकाउंट को डिलीट या इनएक्टिव कर दिया जाता है। पैटर्न वही, बस शहर और चेहरे बदलते हैं
जांच में यह भी सामने आया है कि यह कोई स्थानीय गिरोह नहीं है, बल्कि एक ऐसा नेटवर्क है जो देश के अलग-अलग शहरों में इसी पैटर्न पर काम करता है। भोपाल से पहले इंदौर, जयपुर और चंडीगढ़ जैसे शहरों में भी इसी तरह की ठगी की खबरें आ चुकी हैं। पैटर्न हमेशा एक ही रहता है-एक नई इंस्टाग्राम आईडी बनाना, आकर्षक वीडियो डालना, युवाओं को ग्रुप में जोड़ना, फॉर्म भरवाना, पेमेंट लेना और फिर गायब हो जाना। ये खबर भी पढ़ें…
ड्रग पार्टी के लिए 25 हजार तक वसूलता था यासीन भोपाल के हाई प्रोफाइल ड्रग तस्करी के मामले में गिरफ्तार डीजे यासीन उर्फ मछली शहर में सबसे ज्यादा नाइट पार्टी ऑर्गेनाइज करता था। वह क्लब, लाउंज और पब में नशे के आदी युवक-युवतियों के साथ पार्टी की प्लानिंग करता था। पढ़ें पूरी खबर…
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