AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में नीतीश कुमार सरकार को बाहर से समर्थन देने का खुला प्रस्ताव दिया है। उन्होंने इसके लिए एक स्पष्ट शर्त रखी है कि सीमांचल क्षेत्र को उसका हक और न्याय मिलना चाहिए। ओवैसी ने यह घोषणा रविवार को किशनगंज में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए की। ओवैसी ने कहा, “हम नीतीश कुमार की सरकार को समर्थन देने को तैयार हैं, लेकिन सीमांचल को न्याय चाहिए। विकास सिर्फ पटना और राजगीर तक सीमित नहीं रह सकता।” उन्होंने सीमांचल की दशकों पुरानी उपेक्षा का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। ‘कोसी नदी हर साल तबाही मचाती, लेकिन सरकारी मदद नाकाफी’ उन्होंने बताया कि यह इलाका नदी कटाव, भारी पलायन, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से जूझ रहा है। कोसी नदी हर साल तबाही मचाती है, लेकिन सरकारी मदद नाकाफी है। ओवैसी के अनुसार, सीमांचल की 80% आबादी ग्रामीण है, फिर भी यह क्षेत्र विकास की मुख्यधारा से कटा हुआ है। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि सीमांचल को उसका पूरा हक मिले। 24 सीटों में से AIMIM ने 5 सीटें जीती हालिया विधानसभा चुनाव में सीमांचल की 24 सीटों में से AIMIM ने 5 सीटें जीती हैं। ओवैसी ने पार्टी में अनुशासनहीनता को लेकर चेतावनी दी, क्योंकि 2020 में चुने गए 5 में से 4 विधायक बाद में आरजेडी में शामिल हो गए थे। सभी 5 विधायक अपने क्षेत्रीय कार्यालयों में जनता के बीच बैठेंगे जनसभा में उन्होंने घोषणा की कि उनके सभी 5 विधायक हफ्ते में कम से कम 2 दिन अपने-अपने क्षेत्रीय कार्यालयों में जनता के बीच बैठेंगे। उन्हें अपनी लाइव लोकेशन के साथ फोटो भेजनी होगी, जिससे उनकी उपस्थिति सुनिश्चित हो सके। ओवैसी ने यह भी कहा कि वे खुद हर छह महीने में एक बार सीमांचल का दौरा करेंगे ताकि इलाके की समस्याओं पर लगातार नजर रखी जा सके। चुनाव नतीजों में भले ही NDA ने सीमांचल की 24 में से 14 सीटें जीती हों, लेकिन AIMIM ने अपनी पांच सीटें बचाकर यह संदेश दिया है कि मुस्लिम बहुल इस क्षेत्र में उसकी जमीन अभी भी मजबूत है।
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