हमारी पार्टी स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे आगे थी, RSS ने आजादी के लिए नहीं किया कुछ- डी. राजा

हमारी पार्टी स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे आगे थी, RSS ने आजादी के लिए नहीं किया कुछ- डी. राजा

सीपीआई महासचिव डी. राजा ने कहा कि आरएसएस ने कभी देश की आजादी के लिए संघर्ष नहीं किया. हमारी पार्टी का गठन भी उसी साल, 1925 में हुआ था. हमारी पार्टी स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे आगे थी, जिसने सर्वोच्च बलिदान दिए. वास्तव में, हमारी पार्टी ने सबसे पहले पूर्ण स्वतंत्रता और औपनिवेशिक शासन को खत्म करने का आह्वान किया था.

उस समय आरएसएस कहां था? सामाजिक और सांस्कृतिक इतिहास में आरएसएस का क्या योगदान है? यह प्रतिगामी, विभाजनकारी, संकीर्ण और लोगों को ध्रुवीकरण करने वाला है, जो देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा पैदा करता है. उन्होंने कहा मैं प्रधानमंत्री को चुनौती देता हूं कि वे स्वतंत्रता आंदोलन में आरएसएस की भूमिका को स्पष्ट करें.वे लोगों को बताएं.

राष्ट्र निर्माण में आरएसएस का योगदान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परम पूज्य सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी का प्रेरणादायी संबोधन, जिसमें उन्होंने राष्ट्र निर्माण में आरएसएस के समृद्ध योगदान को रेखांकित किया और हमारी धरती की अंतर्निहित क्षमता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने पर जोर दिया, जिससे समस्त विश्व को लाभ होगा.

एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सौ साल पहले, विजयादशमी के दिन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना सामाजिक सेवा और राष्ट्र निर्माण के उद्देश्य से की गई थी. लंबे समय से, असंख्य स्वयंसेवकों ने इस संकल्प को साकार करने के लिए अपने जीवन को समर्पित किया है.

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