कानपुर में स्वीमिंग प्लेयर आरव ने सुसाइड किया। उसके कमरे से जो नोट मिला, उसने सिर्फ परिवार ही नहीं पुलिस को भी चौंका दिया। नोट पर लिखा था- दिन बीतने के साथ ही मैंने खुद को मार डाला है। अगर आप यह नोट पढ़ रहे हैं, तो इसका मतलब है कि मैं मर चुका हूं। पुलिस को क्राइम सीन से आरव का मोबाइल नहीं मिला। मोबाइल बगल के कमरे में चार्जिंग पर लगा था। मोबाइल की सर्च हिस्ट्री में एक बीमारी के बारे में बार-बार सर्च किया गया था। ये बीमारी थी ‘स्किजोफ्रेनिया’। पुलिस के मुताबिक, एक साल में करीब 65 बार बीमारी के बारे में सर्च किया। कैसे लक्षण दिखते हैं? कैसे बचे… यहीं वो पढ़ रहा था। बहन ने बताया कि वो कहता था कि मुझे सपने में 3-4 लोग दिखते हैं, जो कहते हैं- या तो खुद को मार लो या अपने परिवार को मार दो। इसके बाद आरव ने सुसाइड नोट लिखा और खुद को मार लिया। आरव ने गूगल पर 65 बार बीमारी के बारे में सर्च किया
कोहना थाना प्रभारी विनय कुमार तिवारी ने बताया कि आरव मिश्रा के जेब से पर्ची मिली थी। इसमें लिखा था कि Please Check My Notified…! पुलिस ने आरव की बहन से उसका मोबाइल मांगा। मोबाइल का नोटपैड खोला गया। इसमें अंग्रेजी में लिखा था- The Day Thread Away, I Have Killed MySelf, If You Are Reading This, Then I am Probably Dead. इसके बाद पुलिस ने आरव के मोबाइल की सर्च हिस्ट्री चेक की। पता चला कि आरव को सिमटम्स थे। वह उसने गूगल पर सर्च करना शुरू किया। उसने सर्च किया कि सपने में आवाजें सुनाई पड़ना, यह क्या होता है। जब उसने ऐसा सर्च किया तो ‘स्किजोफ्रेनिया’ बीमारी के बारे में उसे पता चला। इसके बाद उसने करीब 65 बार इस बीमारी के बारे में सर्च किया। दीदी को सपनों के बारे में बताया था
आरव ने बीमारी के लक्षण, बचाव के तरीके, उपचार क्या-क्या हो सकता है? आदि सर्च किया था। मगर इसके बारे में उसने कभी घरवालों को नहीं बताया। इस बार दिवाली में उसने अपनी बहन मान्या को सपनों के बारे में बताया। उसने बताया कि दीदी मुझे काफी समय से डरावने सपने आते हैं। सपने में कुछ चेहरे नजर आते हैं। वो कहते हैं कि या तो खुद जान दे दो या परिवार को मार डालो। पूरा मामला जानिए… घर में अकेला था आरव, कर लिया सुसाइड
कोहना के पुराना कानपुर में आलोक मिश्रा रहते हैं। उनका 16 साल इकलौता बेटा आरव राज मिश्रा द जैन इंटरनेशनल स्कूल से 11वीं का छात्र था। परिवार में पत्नी दिव्या और बेटी मान्या है। आरव के मम्मी-पापा छठ पूजा मनाने भागलपुर गए थे। जहां से वह लौट रहे थे। सोमवार को बहन यूनिवर्सिटी गई थी। आरव घर में अकेला था। शाम को बहन घर लौटी और उसने दरवाजा खटखटाया। काफी देर तक दरवाजा नहीं खुलने पर उसने पड़ोसी को सूचना दी। फिर दरवाजा तोड़ा गया। अंदर देखा कि कमरे में कसरत करने वाले पाइप में रस्सी के फंदे से आरव का शव लटक रहा था। बताया जा रहा है कि आरव के पिता जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के भांजे हैं। हाईस्कूल 93% अंकों के साथ पास किया था
आरव के टीचरों ने बताया- वह 5वीं क्लास से हमारे स्कूल में पढ़ रहा था। आरव एक होनहार स्टूडेंट होने के साथ काफी हंसमुख स्वभाव का था। क्लास के सभी बच्चों से उसका काफी अच्छा मेलजोल था। 93% अंकों के साथ आरव ने हाईस्कूल की परीक्षा पास की थी। स्टेट लेवल का स्विमिंग प्लेयर था आरव
टीचरों ने बताया कि वह काफी अच्छा स्पोर्ट्स-पर्सन भी था। आरव स्टेट लेवल का स्विमिंग प्लेयर था। स्कूल की ओर से वह कानपुर और आसपास के जनपदों में कंपटीशन में हिस्सा लेने के लिए भी जाता था। प्रिसिंपल दीपा सिंह ने बताया- उसे कोई समस्या या बीमारी है, इसकी जानकारी स्कूल मैनेजमेंट को नहीं थी। वह काफी एक्टिव था। आरव के सुसाइड से उसके टीचर काफी शॉक्ड हैं। डॉक्टर बोलीं- यह एक दिमागी बीमारी का लक्षण मनोवैज्ञानिक डॉ. आराधना गुप्ता ने बताया- ये किसी प्रकार की पर्सनैलिटी डिसऑर्डर या साइकोटिक लक्षण हो सकते हैं। इसमें मरीज लगता है कि उसे कोई निर्देश दे रहा है। यह एक तरह की साइकोलॉजिकल डिजीज है। ऐसे समय पेशेंट के दिमाग में समझ पर सोच हावी होने लगती है। फिर वह उस काम को करने में सक्षम हो गया तो ठीक, नहीं तो खुद को नुकसान पहुंचा लेता है। यह एक दिमागी बीमारी का लक्षण है, जो बहुत तेजी से फैल रही है। अगर समय से परिवार वाले इस तरह की समस्या को पहचान लेते, तो दवाइयों और काउंसिलिंग से इस तरह की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता था। …………………………………….. ये खबर भी पढ़िए- परिवार को मार डालो या खुद मर जाओ:3-4 लोग सपने में मुझसे कहते थे; कानपुर में ये लिखकर स्वीमिंग प्लेयर ने जान दी कानपुर में एक 11वीं के स्टूडेंट आरव ने सुसाइड कर लिया। जेब में मिले सुसाइड में लिखा था- Please Check My Notified…! घरवालों ने मोबाइल देखा, तो उसमें अंग्रेजी में लिखा था- मैं लंबे समय से परेशान चल रहा हूं। मुझे सपने में तीन-चार लोग दिखते हैं। वो लोग कहते हैं कि अपने परिवार को मार डालो। अगर नहीं मारोगे तो खुद मर जाओ…। घटना के समय आरव के मम्मी-पापा छठ पूजा मनाने भागलपुर गए थे। बहन यूनिवर्सिटी गई थी और आरव घर में अकेला था। बहन घर लौटी और उसने दरवाजा खटखटाया। काफी देर तक दरवाजा नहीं खुलने पर उसने पड़ोसी को सूचना दी। पढ़ें पूरी खबर
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