भास्कर न्यूज़ | समेली बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के दिशा-निर्देश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेशानुसार समेली प्रखंड में विद्यालय से बाहर रह रहे बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इसके तहत 6 से 14 वर्ष तथा 15 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की पहचान कर उन्हें उम्र और दक्षता के अनुरूप कक्षा में नामांकन कराया जाएगा। इसी उद्देश्य से प्रखंड मुख्यालय सभागार में एक बैठक सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता बीडीओ सह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सत्येन्द्र सिंह ने की। कार्यक्रम में प्रखंड के सभी प्रधानाध्यापकों को मास्टर ट्रेनर संतोष कुमार एवं नजमुल्ला नैयर द्वारा सर्वे, नामांकन एवं रिपोर्टिंग प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी गई। मास्टर ट्रेनर संतोष कुमार ने बताया कि सबसे पहले शिक्षकों के बीच विद्यालयों के पोषक क्षेत्रों का बंटवारा किया जाएगा। इसके बाद घर-घर जाकर सर्वे कर विद्यालय से बाहर रह रहे बच्चों की पहचान की जाएगी। अभियान को प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक विद्यालय में प्रधानाध्यापक की देखरेख में हेल्प डेस्क का गठन किया गया है। हेल्प डेस्क में चयनित नोडल शिक्षक-शिक्षिका के साथ विद्यालय शिक्षा समिति के दो सदस्य शामिल रहेंगे। यह टीम गृहवार भ्रमण कर बच्चों और उनके परिवार की जानकारी जुटाएगी तथा चिह्नित घरों की सूची तैयार करेगी। सूची की संपुष्टि के बाद 17 से 24 दिसंबर तक अंतिम सर्वे किया जाएगा। इसके उपरांत संबंधित प्रपत्र भरकर बीआरसी में जमा किए जाएंगे। चिह्नित बच्चों का नामांकन उनकी उम्र एवं दक्षता के आधार पर उपयुक्त कक्षा में कराया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान बीडीओ सह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सत्येन्द्र सिंह ने सख्त रुख अपनाते हुए अनुपस्थित प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण तलब किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर एक दिन का वेतन काटने की कार्रवाई की जाएगी। बैठक में लेखापाल विनोद कुमार सिंह, डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रवीण कुमार, प्रधानाध्यापक विभूतिभूषण, भोला प्रसाद मंडल, निवेदिता, शशिकला, सुनीता कुमारी, रश्मि कुमारी, पंकज पासवान, सुनील रंजन, सचिन्द्र कुमार, देव प्रिय आदि थे।
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