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स्कूल-कॉलेजों में कुत्तों के प्रवेश पर रोक, नियुक्त होंगे नोडल अधिकारी

एजुकेशन रिपोर्टर | मुजफ्फरपुर राज्य के शिक्षण संस्थानों मंे आवारा कुत्तों के प्रवेश पर रोक लगेगी। सरकारी व निजी स्कूल-कॉलेजों के साथ ही कोचिंग संस्थानों को भी कुत्तों से सुरक्षित किया जाएगा। परिसर में “भटकते कुत्तों को भोजन न दें’ का बैनर लगाया जाएगा। साथ ही यह भी लिखा जाएगा कि कुत्ते के काटने या खरोंचने पर अविलंब निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या डॉक्टर से संपर्क करें। जिन स्कूलों में एमडीएम का संचालन होता है, वहां विशेष निगरानी के लिए भी निर्देश दिया गया है। सभी जिलों को दो सप्ताह के अंदर ऐसे शिक्षण संस्थानों को चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है, जहां कुत्तों का प्रवेश संभव है। इसके बाद बाउंड्री या गेट का निर्माण कराकर संस्थान को सुरक्षित करने के लिए 8 सप्ताह का समय निर्धारित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को निर्देश जारी किया है। कहा है कि शैक्षणिक संस्थानों के परिसर में भटकते कुत्तों के प्रवेश को रोकना संबंधित विभाग व संस्थान की अनिवार्य जवाबदेही है। कुत्तों की उपस्थिति से उत्पन्न खतरा बच्चों, शिक्षकों व कर्मचारियों के जीवन व सुरक्षा का गंभीर उलंघन है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि आदेश के अनुपालन में शिथिलता को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना माना जाएगा। विभाग की ओर से सभी शिक्षण संस्थानों में कुत्तों से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किसी शिक्षक को नोडल पदाधिकारी नामित करने का निर्देश दिया गया है। स्कूल व कॉलेजों में किए जा रहे सुरक्षा के उपायों की नियमित निगरानी की जाएगी। इसके लिए सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। वे अपनी रिपोर्ट डीईओ को देंगे। इसी के आधार पर डीईओ हर 3 महीने पर राज्य कार्यालय को रिपोर्ट भेजेंगे। इसमें कुत्तों से सुरक्षित किए गए स्कूल-कॉलेजों की संख्या के साथ ही फेंसिंग, बोर्ड व गेट की फोटो, नगर निकाय से प्राप्त प्रमाण पत्र और जागरूकता कार्यक्रमों की जानकारी उपलब्ध करानी है। मुख्यालय के स्तर से सभी जिलों की रिपोर्ट मुख्य सचिव बिहार सरकार को भेजी जाएगी। विभाग ने मध्याह्न भोजन से उत्पन्न खाद्य अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए एसओपी जारी किया है, जिसका अनुपालन 8वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों में करना अनिवार्य है। इसमंे अपशिष्टों का सुरक्षित निपटान, भोजन के बाद विद्यालय परिसर में सफाई, विद्यालय में कचरा पात्र रखने और परिसर में कुत्तों को भोजन देने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने को लेकर दिशा- निर्देश दिया गया है। विभाग की ओर से कहा गया है कि किसी स्कूल में भोजन के कारण कुत्तों की उपस्थिति पाई जाती है, तो इसके लिए संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक के साथ ही बीईओ और डीईओ जवाबदेह माने जाएंगे। प्रखंड शिक्षा अधिकारी को निगरानी की जिम्मेदारी


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