सोने में 56% चांदी में 69% की तेजी, फिर ज्वैलरी स्टॉक्स में 36% की गिरावट क्यों, कहां जा रहा है पैसा
2025 में सोने और चांदी के दामों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. इस रिकॉर्ड तेजी से जहां बुलियन (सोना-चांदी) में निवेश करने वालों की कमाई बढ़ी है, वहीं ज्वेलरी कंपनियों के शेयर बुरी तरह लुढ़क गए हैं. साल की शुरुआत से अब तक ज्वेलरी सेक्टर के शेयरों में करीब 36% तक की गिरावट आई है. इस साल अब तक सोने की कीमतों में 56% और चांदी में 69% की बढ़त दर्ज की गई है, लेकिन दिलचस्प बात ये है कि निवेशक अब गहने खरीदने की बजाय ETF और डिजिटल गोल्ड जैसे इलेक्ट्रॉनिक ऑप्शन को ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
ज्वेलरी शेयरों की हालत खराब
1000 करोड़ रुपए से ज्यादा मार्केट कैप वाली 14 ज्वेलरी कंपनियों के आंकड़े बताते हैं कि सेक्टर दबाव में है. कल्याण ज्वैलर्स के शेयर 36% टूटे. सेन्को गोल्ड और मोटिसन्स ज्वैलर्स में क्रमशः 35% और 32% की गिरावट आई. रेनेसां ग्लोबल, टीबीजेड, राजेश एक्सपोर्ट्स, पीसी ज्वैलर, एशियन स्टार, राधिका ज्वैलटेक जैसी कंपनियों में 4% से 30% तक की गिरावट दर्ज की गई.
हालांकि, गोल्डियम इंटरनेशनल, टाइटन कंपनी और थंगामायिल आभूषण जैसे कुछ शेयरों में मामूली बढ़त (0.5% से 10%) देखने को मिली. नई लिस्टेड कंपनी ब्लूस्टोन आभूषण और लाइफस्टाइल अपने लिस्टिंग प्राइस से 20% ऊपर ट्रेड कर रही है, जबकि शांति गोल्ड इंटरनेशनल लिस्टिंग प्राइस से नीचे फिसल गई है.
क्यों गिर रहे हैं ज्वेलरी शेयर?
त्योहारों का सीजन शुरू होने के बावजूद, सोने की कीमतें इतनी ज्यादा हो चुकी हैं कि लोग अब कम कैरेट वाले गहने खरीद रहे हैं. चांदी में भी तेज बढ़ोतरी से ग्राहकों की रुचि कम हुई है. मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने-चांदी के ऊंचे दामों से ज्वेलरी कंपनियों की सेल और मुनाफा दोनों पर असर पड़ेगा. कई निवेशक अब ETF और डिजिटल गोल्ड में पैसा लगा रहे हैं, क्योंकि इसमें न चोरी का डर होता है और न स्टोरेज की झंझट.
गोल्ड ETF में जबरदस्त बढ़ोतरी
AMFI के मुताबिक अगस्त 2025 में गोल्ड ETF में 74% की बढ़ोतरी हुई है. जुलाई के 1,256 करोड़ रुपए से बढ़कर 2,190 करोड़ रुपए तक. ETF इन्वेस्टर्स की संख्या भी 56.6 लाख से बढ़कर 80.3 लाख हो गई है.
कंपनियों के नतीजे मजबूत, फिर भी शेयर टूटे
कई ज्वेलरी कंपनियों ने तिमाही नतीजों में अच्छी ग्रोथ दिखाई सेन्को गोल्ड और स्काई गोल्ड एंड डायमंड्स के मुनाफे में 100% से ज्यादा उछाल. कल्याण ज्वैलर्स का मुनाफा 48.7% बढ़ा, जबकि सेल्स में 31% की बढ़त. टाइटन कंपनी ने भी 52.5% का मुनाफा बढ़ाया और 21% की सेल्स ग्रोथ दर्ज की. फिर भी, कई कंपनियों जैसे राजेश एक्सपोर्ट्स, रेनेसां ग्लोबल और थंगामायिल ज्वैलर्स के मुनाफे में गिरावट आई.
आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सोने और चांदी के दाम ऐसे ही बढ़ते रहे, तो आने वाले महीनों में ज्वेलरी कंपनियों के मुनाफे पर दबाव बढ़ेगा. World Gold Council की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर से दिसंबर के बीच गोल्ड की मांग तो बढ़ेगी, लेकिन ऊंचे दामों के चलते कुल सेल पर असर पड़ सकता है. एक्सपर्ट्स की राय में, फिलहाल ज्वेलरी शेयरों से दूरी बनाना ही बेहतर है, जबकि सोने और चांदी में निवेश की संभावनाएं अभी भी मजबूत हैं. टाइटन जैसी बड़ी कंपनियां अपने डाइवर्स बिजनेस मॉडल की वजह से बाकी कंपनियों से आगे हैं. कंपनी ने हाल ही में बताया कि उसकी ज्वेलरी सेल्स में 19% की सालाना ग्रोथ हुई है और उसने तिमाही में 34 नए स्टोर खोले हैं.
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