कृषि मंत्री रामकृपाल यादव ने गुरुवार को सोनपुर मेला में कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। कहा कि बिहार की लगभग 76 प्रतिशत आबादी की आजीविका कृषि पर निर्भर है। राज्य की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान लगभग 21 प्रतिशत है। यहां के 90 प्रतिशत किसान लघु और सीमांत श्रेणी के हैं, जिनकी आय और उत्पादन क्षमता बढ़ाना राज्य के आर्थिक विकास की कुंजी है। उन्होंने कहा कि राज्य के कुछ जिलों में धान की कटनी के समय एक विकट समस्या विकराल रूप ले रही है। धान के पुआल को खेत में जलाने की समस्या लगातार बढ़ रही है। पुआल जलाने से एक तरफ वातावरण प्रदूषित हो रहा है, तो दूसरी तरफ मिट्टी की उर्वरा शक्ति खत्म हो रही है। यह चिंता की बात है। लेकिन बिहार सब्जियों के उत्पादन में अग्रणी राज्य है। शहद, मशरुम, मखाना, लीची पैदा करने में भी हम सबसे आगे हैं। अन्नानास, आम, केला, अमरूद, गन्ना, जूट आदि पैदा करने में भी हम बहुत आगे हैं। हमने इन कृषि उत्पादों के लिए बेहतर बाजार एवं प्रसंस्करण की सुविधा राज्य के अंदर उपलब्ध कराने के लिए विशेष पहल की है। उन्होंने कहा कि किसानों से ऑनलाइन आवेदन लेना, आवेदन को स्वीकृत करना और किसानों के घर तक बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करना, प्रत्येक कृषि पदाधिकारी का दायित्व है। किसानों को खाद सही समय और उचित मूल्य पर मिले यह शत-प्रतिशत सुनिश्चित हाेगा। मौके पर राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष रूप नारायण मेहता, कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार, विशेष सचिव वीरेन्द्र प्रसाद यादव, प्रबंध निदेशक कृषि निदेशक नितिन कुमार सिंह, निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार मौजूद रहे।
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