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सैदपुर से गायघाट तक नाले पर बन रही फोरलेन सड़क:20 मिनट में नाला रोड से पहाड़ी जा सकेंगे, नहीं लगेगा जाम, 5 दिसंबर से डायवर्जन

‘ये नाला हमलोगों के लिए बड़ी परेशानी है। इतनी दुर्गंध होती है कि रहना मुश्किल। रास्ता खराब है। सुरक्षा के इंतजाम नहीं। अक्सर हादसे होते हैं। कभी कोई गाड़ी नाले में गिर जाती है तो कभी बच्चे।’ न्यू अजीमाबाद में रहने वाले शमशेर आलम अपनी अपनी परेशानी गिनाते हैं, फिर मुस्कुराते हुए कहते हैं, ‘नाले पर फोरलेन सड़क बन रही है। हमारा इलाका अब चमक जाएगा।’ पटना में सबसे लंबे नाले ‘सैदपुर से लेकर संप पहाड़ी तक’ पर फोरलेन सड़क बन रही है। इससे इलाके के करीब 2 लाख लोगों का जीवन आसान होगा। नाले पर सड़क निर्माण का काम किस तरह चल रहा है? इससे आम लोगों को क्या फायदा होगा? पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट 5 दिसंबर से शुरू होगा सैदपुर की तरफ से काम सैदपुर नाले पर किस तरह निर्माण कार्य चल रहा है। यह जानने के लिए हम सैदपुर से पहाड़ी तक गए। देखा कि सड़क बनाने को लेकर पहाड़ी की तरफ से काम चल रहा है। छोटी पहाड़ी के पास हमें इंजीनियर आलोक कुमार निर्माण कार्य की देखरेख करते मिले। उन्होंने बताया कि 5 दिसंबर से सैदपुर की तरफ से भी काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए सैदपुर नहर से एनसीसी कैंपस और फिजिकल कॉलेज परिसर से होकर साइंस सिटी तक डायवर्जन होगा। एनसीसी कैंपस में 4 दिसंबर से 10 दिसंबर के बीच कार्यक्रम है, इसलिए थोड़ी कठिनाई आ सकती है। नाला रोड से गायघाट जाना होगा आसान पटना को पश्चिम से पूरब तक जोड़ने के लिए एनएच, कुम्हरार रोड और मरीन ड्राइव, यानी 3 सड़कें हैं। इसके बाद नाला पर एक अच्छी फोरलेन सड़क बनेगी तो सैदपुर से छोटी पहाड़ी तक जाना आसान होगा। नाला रोड से सीधे गायघाट और फिर पहाड़ी तक आप 15-20 मिनट में पहुंच सकेंगे। सैदपुर से छोटी पहाड़ी तक 5.7km लंबा है नाला सैदपुर से लेकर छोटी पहाड़ी तक नाला की लंबाई 5.7km है। इसके निर्माण कार्य का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 सितंबर 2023 को किया था। 2 साल के अंदर (सितंबर 2025 तक) काम पूरा होना था, लेकिन नहीं हो सका। सैदपुर से पहाड़ी तक जाकर हमने देखा कि नाला के दोनों तरफ काफी अतिक्रमण है। 75 से अधिक लोगों ने कहीं 2 फीट तो कहीं 5 फीट तक सड़क पर कब्जा किया है। सैदपुर से गायघाट तक 274 बिजली के खंभे हैं। अतिक्रमण के साथ ही बिजली के खंभों को भी हटाया जाएगा। नाला नहीं, नहर कहते हैं स्थानीय लोग किसी जमाने में यह नाला बादशाही पइन था। यही वजह है कि स्थानीय लोग इसे नाला नहीं, ‘नहर’ कहते हैं। बिहार अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी बुडको से यह काम चल रहा है। इसकी स्वीकृति पटना नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति और निगम बोर्ड से प्राप्त है। नाला के दोनों तरफ लगभग 15-15 फीट चौड़ी सड़क है। आगे जाकर कुछ दूरी तक सड़क एक ही तरफ है। जब इसके निर्माण का स्टीमेट तैयार हुआ तब 259 करोड़ रुपए में नाला बनकर तैयार होना था, लेकिन समय के साथ यह राशि बढ़कर 331.4 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। सैदपुर से गायघाट तक नाला को ‘बॉक्स नाला’ बनाना है। गायघाट से पहाड़ी पंप तक खुला नाला बनाना है। इसके बेस की चौड़ाई कम और ऊपरी हिस्से की चौड़ाई अधिक होगी। नाला और सड़क मिलाकर देखें तो 50-60 फीट चौड़ाई है। बिजली के तार के लिए डक्ट बन रहा इंजीनियर आलोक कुमार ने बताया, ‘छोटी पहाड़ी के पास से काम शुरू हुआ है। यह सैदपुर तक जा रहा है। पहाड़ी से गायघाट, एनएमसीएच बाउंड्रीवाल तक नाला ओपन बन रहा है। इसके दोनों किनारे सड़क बनाई जाएगी। नाले के तल की चौड़ाई 7 मीटर और ऊपरी हिस्से की चौड़ाई 12 मीटर है। गायघाट पावर ग्रिड से लेकर सैदपुर तक ढंके नाला पर सड़क होगी। सैदपुर से गायघाट तक बिजली के पोल की शिफ्टिंग का काम होना है।’ उन्होंने बताया कि सैदपुर से पहाड़ी की तरफ नाला का ढलान रखा गया है। 3km पर यह ढलान 1 मीटर डाउन होता चला जाएगा। STPL और RR कंपनी मिलकर इसे बना रही है। अक्सर नाला में गाड़ियां गिर जाती हैं हमें सैदपुर से गायघाट के बीच नाले के किनारे की सड़क पर कई जगह खतरनाक गड्ढे दिखे। कई जगह सड़क पूरी तरह कच्ची है। न्यू अजीमाबाद के बाद सड़क की हालत बहुत खराब है। स्थानीय शमशेर आलम ने कहा, ‘यहां अक्सर गाड़ियां नाले में गिर जाती हैं, बदबू भी काफी रहती है। बच्चे गिर जाते हैं।’ गायघाट पर नाला के दोनों तरफ काफी अतिक्रमण है। स्थानीय मनीष कुमार ने कहा, ‘हमलोगों को सड़क पार करने में काफी दिक्कत होती है। मरीन ड्राइव या कंकड़बाग होकर पटना जाना पड़ता है। नाला ढंका जाएगा तो नाला रोड से लेकर सैदपुर तक जाने में काफी आसानी हो जाएगी।’ पहले नाला ढंकने का प्लान नहीं था, अब फोरलेन सड़क बनेगी सैदपुर वार्ड नंबर 48 के वार्ड पार्षद इंद्रदीप चंद्रवंशी से हमने बात की। चंद्रवंशी बोले, ‘2 साल पहले यह तय नहीं था कि सैदपुर से गायघाट तक नाला ढंका हुआ बनेगा कि नहीं। 2 साल पहले शिलान्यास हुआ था। तकनीकी बाधा के चलते काम में देर हुई। लगातार प्रयास के बाद तय हुआ कि सैदपुर नहर से गायघाट तक नाला ढंका जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘कैबिनेट से स्वीकृति मिली। अब इस पर फोर लेन सड़क बनेगी। 5 दिसंबर से सैदपुर की तरफ से भी काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए डायवर्जन भी बनाया जाएगा। इस बीच बड़ी गाड़ियों के आने-जाने में दिक्कत आएगी, लेकिन छोटी गाड़ियां आ जा सकेंगी। गायघाट से पहाड़ी तक सड़क चौड़ी है, इसलिए उधर नाला कवर नहीं किया जा रहा है।’ सैदपुर नाला निर्माण से 5 बड़े फायदे 1- बेहतर ट्रैफिक के साथ ही कनेक्टिविटी को फायदा मिलेगा। यह नाला कई ड्रेनेज और पंपिंग स्टेशनों सहित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी को ले जाने के काम आता है। इस लिहाज से जल निकासी का सिस्टम स्मूथ होगा। 2- सैदपुर नाला पर सैदपुर से गायघाट तक फोर लेन सड़क बनने से सैदपुर, राजेन्द्र नगर, कंकड़बाग, मुसल्लहपुर हाट, गायघाट, पहाड़ी के इलाके में ट्रैफिक फास्ट हो सकेगा। आसपास की बाकी सड़कों जैसे अशोक राजपथ, महेंद्रू और एनएच पर लोड कम होगा। नाला रोड, मछुआ टोली, भिखना पहाड़ी, राजेंद्र नगर जैसे इलाकों के लोग सीधे सैदपुर से गायघाट कम समय में जा सकेंगे। पटना सिटी से पटना आना-जाना आसान होगा। इससे कारोबारियों को भी लाभ होगा। 3- नाला ढंके जाने से इससे निकलने वाली दुर्गंध से आसपास रहने वाले लोगों को राहत मिलेगी। सैदपुर और रामपुर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट है। शनिचरा और बकरी मंडी के पास संप हाउस है। इन जगहों पर काफी दुर्गंध फैलती है। 4-नाला खुला होने से लोग इसमें कचरा डालते हैं। इससे नाला जल्द भर जाता है। बारिश के मौसम में ओवरफ्लो की नौबत आती है। नाले पर सड़क बन जाने से इलाके का सौंदर्यीकरण हो जाएगा। 5- नाला कई स्थानों पर अभी खुला हुआ है। इसके चलते खतरा रहता है। नाला ढंके जाने और उस पर सड़क बनने से इसका स्थायी समाधान होगा।


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