सुसाइड नोट में लिख गए वो 10 नाम, जिनकी प्रताड़ना से टूट गए IPS वाई पूरन!

सुसाइड नोट में लिख गए वो 10 नाम, जिनकी प्रताड़ना से टूट गए IPS वाई पूरन!

हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और एडीजीपी (ADGP) वाई पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. जिस वक्त अधिकारी ने सुसाइड किया, उस समय उनकी पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान दौरे पर थीं. वाई पूरन कुमार की मौत ने पूरे पुलिस महकमे और प्रशासन को झकझोर दिया है. पुलिस को उनके घर से आठ पन्नों का कथित सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिनमें डीजीपी, एडीजीपी और एसपी रैंक के दस वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही घर से एक वसीयत भी मिली है.

सुसाइड नोट में जिक्र है कि वाई पूरन कुमार को लगातार मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा और कई वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके करियर को बर्बाद करने की साजिश रची. सूत्रों के अनुसार, सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों का जिक्र है, उनमें कुछ पूर्व डीजीपी और वर्तमान डीजीपी स्तर के भी हैं. हालांकि पुलिस ने अभी तक किसी का नाम सार्वजनिक नहीं किया है. माना जा रहा है कि यह पूरा विवाद उस रोहतक भ्रष्टाचार प्रकरण से जुड़ा हुआ है जिसकी जांच वाई पूरन कुमार ने खुद शुरू करवाई थी.

2001 बैच के थे आईपीएस अधिकारी

2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार का हाल ही में रोहतक की सुनारिया पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में तबादला किया गया था. वहां पदभार संभालने से पहले उन्होंने सात दिन की छुट्टी ली थी. इसी दौरान उन्होंने यह कदम उठा लिया. अपने पूरे करियर में वे एक निडर अधिकारी माने जाते थे, जिन्होंने कई बार विभागीय नीतियों और सरकार के खिलाफ भी आवाज उठाई थी.

पिछले वर्ष उन्होंने हरियाणा में हुए आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए थे. उनका कहना था कि 1991, 1996, 1997 और 2005 बैच के अधिकारियों को पदोन्नति देते समय नियमों की अनदेखी की गई. उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वित्त विभाग की ओर से गृह विभाग के प्रावधानों को दरकिनार करने पर आपत्ति जताई थी. इसके अलावा उन्होंने अपने प्रमोशन और वेतन पुनर्निर्धारण की भी मांग की थी.

जब लौटा दी थी होंडा सिटी कार

उनका विभाग से मतभेद केवल इसी तक सीमित नहीं था. एक बार उन्होंने विभाग द्वारा दी गई पुरानी होंडा सिटी कार को यह कहते हुए लौटा दिया कि अन्य अधिकारियों को नई इनोवा क्रिस्टा जैसी गाड़ियां दी गई हैं. उन्होंने उन अधिकारियों के खिलाफ भी आवाज उठाई थी जो एक से अधिक सरकारी आवासों पर कब्जा किए हुए थे और “एक अधिकारीएक आवास” नीति लागू करने की अपील की थी.

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