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सुप्रीम कोर्ट में SIR पर सुनवाई:चुनाव आयोग बोला- राजनीतिक पार्टियां डर का माहौल बना रहीं; केरल-बंगाल और तमिलनाडु की प्रक्रिया रोकने की मांग

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को SIR के खिलाफ दायर तमिलनाडु, बंगाल और केरल की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान चुनाव आयोग ने कहा- SIR प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक दल जानबूझकर डर का माहौल बना रही हैं। चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने केरल सरकार की याचिका पर केंद्र और राज्य चुनाव आयोग को 1 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी। वहीं पश्चिम बंगाल की याचिका पर 9 दिसंबर को सुनवाई होगी। इसी दिन चुनाव आयोग राज्य की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट भी जारी करेगा। इसपर आपत्ति आने पर CJI सूर्यकांत ने कहा- अगर राज्य सरकार मजबूत आधार देती हैं तो हम तारीख बढ़ाने का निर्देश दे सकते हैं। तमिलनाडु में याचिका पर 4 दिसंबर को सुनवाई होगी। वाइको बोले थे- SIR मूल अधिकारों का उल्लंघन करती है मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (MDMK) पार्टी प्रमुख वाइको ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि राज्य की यह रिवीजन प्रक्रिया कई नियमों और लोगों के मूल अधिकारों का उल्लंघन करती है। कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 2 दिसंबर को करेगा। तमिलनाडु में वाइको की याचिका के अलावा DMK, CPI(M), एक्टर विजय की पार्टी TVK, सांसद थोल थिरुमावलवन और विधायक सेल्वापेरुंथगई भी SIR प्रक्रिया का विरोध कर चुके हैं। दूसरी ओर अन्नाद्रमुक ने SIR के समर्थन में आवेदन दिया है। केरल हाईकोर्ट ने याचिका पर फैसला नहीं दिया था केरल हाईकोर्ट में चुनाव आयोग ने तर्क दिया था कि SIR एक देशव्यापी प्रक्रिया का हिस्सा है। यह आधे से ज्यादा पूरी हो चुकी है। इसे बीच में रोकने से अगले चुनाव चक्र की तैयारियां बाधित होंगी। जस्टिस वीजी अरुण की बेंच ने कहा था कि बिहार, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची की SIR को चुनौती देने वाली इसी तरह की याचिकाएं पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में हैं, इसलिए न्यायिक अनुशासन और शिष्टाचार के कारण हाईकोर्ट को इस मामले पर फैसला देने से बचना चाहिए। बंगाल में CM ममता ने SIR के खिलाफ मार्च निकाला उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को बोंगांव में SIR के खिलाफ रैली निकाली। इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि BJP उन्हें राजनीतिक रूप से नहीं हरा सकती। EC अब निष्पक्ष नहीं रहा, यह BJP कमीशन बन गई है। उन्होंने कहा- क्या BJP शासित राज्यों में SIR कराने का मतलब यह है कि केंद्र मानता है कि वहां घुसपैठिए होते हैं। अगर SIR दो-तीन साल में कराया जाता है, तो हम हर मुमकिन रिसोर्स के साथ इस काम में मदद करेंगे। बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि SIR में 10 लाख से ज्यादा फॉर्म अमान्य मिले, क्योंकि कई वोटर मौजूद नहीं हैं, डुप्लीकेट थे, मर चुके या कहीं और चले गए हैं। 10 TMC सांसद 28 नवंबर को इलेक्शन कमीशन से मिलेंगे TMC के 10 सांसद 28 नवंबर को चुनाव आयोग से मिलेंगे। इसके लिए मंगलवार को पार्टी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने चीफ इलेक्शन कमिश्नर (CEC) ज्ञानेश कुमार को लेटर लिखकर सभी 10 सांसदों के नाम भेजे हैं। हालांकि आयोग ने केवल पांच सदस्यों वाले दल को ही मिलने के लिए बुलाया है। बंगाल सरकार की योजनाओं के लिए आधार व वोटर कार्ड अनिवार्य पश्चिम बंगाल में SIR शुरू होने के बाद से ही राज्य के विभिन्न इलाकों से कथित आतंक की वजह से लोगों की मौतों की खबरें सामने आती रही हैं। ऐसे लोगों को डर था कि मतदाता सूची से नाम कटते ही उन्हें बांग्लादेश भेज दिया जाएगा, लेकिन ग्रामीण इलाकों में लोगों की चिंता कुछ अलग है। वहां डर के साथ उत्साह भी देखने को मिल रहा है। इन इलाकों के लोग एसआईआर का फार्म भरने के लिए पहले दिन से ही भीड़ लगा रहे हैं। गांव के पढ़े-लिखे युवा इन लोगों के नाम 2002 की मतदाता सूची में तलाशने के साथ ही उनका फार्म भी भरवा रहे हैं।दरअसल, लोगों की चिंता वोट को लेकर नहीं हैं बल्कि उन्हें बंगाल सरकार की योजनाओं के तहत मिलने वाले फायदें की चिंता है। उनको डर है कि वोटर लिस्ट से नाम कटने की स्थिति में उन्हें इन योजनाओं से वंचित होना पड़ सकता है। पश्चिम बंगाल सरकार ने जो कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं, उनके लिए आवेदन करते वक्त आधार कार्ड के साथ ही लोगों को वोटर कार्ड भी देना पड़ा था। अब इन लोगों का कहना है कि वोट चाहे भले न दे पाएं, लेकिन सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाले फायदे बंद नहीं होने चाहिए। ममता सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में जैसे बांग्ला आवास, कृषक बंधु, स्वास्थ्य साथी, सबूज साथी, लक्ष्मी भंडार, कर्मश्री, श्रमश्री और जय बांग्ला जैसी कई योजनाएं चला रही है। पूरी प्रोसेस 7 फरवरी को खत्म होगी 4 नवंबर से 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर वोटर लिस्ट अपडेट कर रहे हैं। BLO की ट्रेनिंग 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक हुई थी। पूरी SIR प्रक्रिया 7 फरवरी तक चलेगी। यह प्रक्रिया अंडमान-निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, यूपी और बंगाल में चल रही है। इन राज्यों में करीब 51 करोड़ वोटर हैं। इसमें 5.33 लाख BLO और 7 लाख से ज्यादा राजनीतिक दलों के BLA लगे हैं। SIR प्रक्रिया में नए नाम जोड़ना, गलतियां ठीक करना और डुप्लीकेट हटाना शामिल है। BLO/BLA फॉर्म देंगे, जिसमें वोटर अपनी जानकारी मिलाएगा। नाम दो जगह हो तो एक जगह से हटाना होगा, और नाम न हो तो फॉर्म व दस्तावेज देकर जोड़ना होगा।


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