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सुप्रीम कोर्ट बोला-BLOs के काम के दबाव को कम करें:राज्यों और केंद्र से कहा- अतिरिक्त कर्मचारी तैनात करें; SIR में लगे 29 BLO की मौत हो चुकी

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया कि वे SIR में लगे बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) के काम के दबाव को कम करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति पर विचार करें। सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश अभिनेता विजय की पार्टी तमिलगा वेत्रि कझगम (TVK) की उस याचिका पर दिया, जिसमें मांग की गई थी कि समय पर काम ना कर पाने BLOs के खिलाफ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कार्रवाई न की जाए। TVK के वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि चुनाव आयोग के अफसरों के दबाव की वजह से कई BLOs की मौत हो चुकी है। यदि BLO टारगेट पूरा नहीं कर पा रहे हैं, तो EC उनके खिलाफ FIR दर्ज करवा रही है। भारत के चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारी SIR सहित दूसरे वैधानिक कामों को करने के लिए बाध्य हैं। राज्य सरकारों का भी कर्तव्य है कि वे चुनाव आयोग (EC) को कर्मचारी उपलब्ध कराएं। कोर्ट रूम लाइव… TVK वकील गोपाल शंकरनारायणन: हमारे पास 35 से 40 BLO की जानकारी है, जिन्होंने SIR के दौरान बहुत ज्यादा काम के दबाव की वजह से आत्महत्या की है। ये सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और शिक्षक हैं। इन्हें धारा 32 ROPA के तहत नोटिस भेजे जा रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि अगर वे समय सीमा के भीतर काम पूरा नहीं करेंगे, तो उन्हें 2 साल की जेल होगी। उत्तर प्रदेश में BLO के खिलाफ 50 FIR दर्ज की गई हैं। उन्हें (चुनाव आयोग) इस पर गर्व है। CJI सूर्यकांत: देखिए, यह कानूनी प्रक्रिया है तो इसे करना ही होगा। TVK वकील गोपाल शंकरनारायणन: तमिलनाडु में एक लड़के को शादी करनी थी, लेकिन उसे छुट्टी नहीं मिली और उसने आत्महत्या कर ली। CJI सूर्यकांत: कोई बीमार हो सकता है। मौत के अन्य स्वास्थ्य कारण भी हो सकते हैं… TVK वकील गोपाल शंकरनारायणन: लेकिन चुनाव अधिकारी उनका बॉस होता है और वे चुनाव आयोग को रिपोर्ट करते हैं। राज्य इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हैं। CJI सूर्यकांत: राज्य सरकारें इन कर्मचारियों को तैनात करती हैं। इसलिए हम राज्यों को बता सकते हैं कि जहां भी कर्मचारियों को समस्या हो रही है, उनकी जगह किसी और को नियुक्त किया जा सकता है। CJI सूर्यकांत: राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से नियुक्त कर्मचारी, SIR सहित, वैधानिक कर्तव्यों को पूरा के लिए चुनाव आयोग के अधीन हैं। अगर उन्हें कोई समस्या आ रही है, तो राज्य सरकार उनकी कठिनाई को दूर कर सकती है, जिसके लिए हम ये 3 निर्देश जारी करते हैं। 1. राज्य अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति करे ताकि काम के घंटे कम किए जा सकें। 2. जहां किसी व्यक्ति के पास ड्यूटी से छूट मांगने के लिए कोई खास कारण हो, राज्य सरकार ऐसी अपील विचार करेगी और उनकी जगह किसी अन्य व्यक्ति को नियुक्त करेगी। 3. अगर कर्मचारियों के किसी दिक्कत का समाधान नहीं हो पाता है, तो पीड़ित व्यक्ति कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है।
2 दिसंबर: सुप्रीम कोर्ट EC से बोला- SIR के लिए डेडलाइन पर पुनर्विचार कीजिए इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में 2 दिसंबर को पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और अन्य राज्यों में वोटर्स लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी। राज्यों सरकारों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को सलाह दी कि वह केरल में स्थानीय निकाय चुनावों की चल रही तैयारियों को देखते हुए SIR फॉर्म जमा करने की समय सीमा को और बढ़ा दे। बेंच ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों के पास भरे हुए फॉर्म अपलोड करने के लिए पर्याप्त समय होना चाहिए। चीफ जस्टिस ने कहा- इसे और आगे बढ़ाया जाए ताकि जो लोग इससे वंचित रह गए हैं, उन्हें भी मौका मिल सके। 30 नवंबर: चुनाव आयोग ने ​​​SIR की डेडलाइन 7 दिन बढ़ाई थी चुनाव आयोग ने 30 नवंबर को SIR की समय सीमा एक सप्ताह बढ़ाने का फैसला किया था। आयोग ने कहा था कि अब अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। मतदाता जोड़ने-हटाने का एन्यूमरेशन पीरियड यानी वोटर वेरिफिकेशन अब 11 दिसंबर तक चलेगा। पहले 4 दिसंबर की समय सीमा थी। वहीं, पहले ड्राफ्ट लिस्ट 9 दिसंबर को जारी होनी थी, लेकिन अब इसे 16 दिसंबर को जारी किया जाएगा। केरल में स्थानीय निकाय चुनाव 9 और 11 दिसंबर को होने हैं, जबकि मतगणना 13 दिसंबर को होगी। 99.53% फॉर्म लोगों तक पहुंचे चुनाव आयोग ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 51 करोड़ मतदाताओं के लिए बनाए गए गणना फॉर्म में से 99.53% फॉर्म लोगों तक पहुंचा दिए गए हैं। इनमें से लगभग 79% फॉर्म का डिजिटलीकरण भी पूरा हो चुका है। यानी यानी घर-घर से BLO जो फॉर्म भरकर लाते हैं, उनमें लिखे नाम, पते और अन्य विवरण को ऑनलाइन सिस्टम में दर्ज किए जा चुके हैं। अब जानिए SIR क्या है… ——————————– ये खबर भी पढ़ें… लोकसभा में केंद्र बोला- SIR पर बहस के लिए तैयार, समय सीमा न थोपें संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया। दोनों सदनों में SIR और वोट चोरी के आरोप के मुद्दे पर हंगामा हुआ। विपक्ष चर्चा के लिए अड़ा है। इस बीच संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा को बताया कि सरकार SIR और चुनावी सुधारों पर चर्चा के लिए तैयार है। विपक्ष से अपील कि वह इस पर कोई समय सीमा न थोपें। पूरी खबर पढ़ें…


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