सीवान में शहीदों की अमर स्मृति, राष्ट्रीय एकता, अखंडता और सौहार्द का संदेश देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय प्रतीकों की भव्य झाँकी का आयोजन किया गया। यह झांकी सम्राट अशोक क्लब शाखा सीवान के तत्वावधान में निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में राष्ट्रप्रेमियों ने भाग लेकर देशभक्ति का परिचय दिया। कार्यक्रम का उद्देश्य भारतवर्ष के प्रथम चक्रवर्ती सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य द्वारा देश को एक सूत्र में पिरोने तथा सम्राट अशोक द्वारा किए गए राष्ट्र एवं विश्व कल्याणकारी कार्यों को स्मरण करना था। झांकी की शुरुआत शहर से सटे बिन्दुसार बुजुर्ग स्थित जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष व अमर शहीद चन्द्रशेखर के समाधि स्थल से की गई। यहां विधिवत ध्वजारोहण, राष्ट्रगान और संविधान की प्रस्तावना के पाठ के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। राष्ट्रीय एकता जिंदाबाद” और “संविधान अमर रहे के लगे नारे इसके बाद झांकी बिन्दुसार बुजुर्ग से पकड़ी मोड़, बबुनिया मोड़, जेपी चौक और पटेल चौक होते हुए नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरती हुई टाउन हॉल पहुंची, जहां यह एक विशाल सभा में परिवर्तित हो गई। झाँकी के दौरान भारत माता, तिरंगा, अशोक स्तंभ, संविधान और अन्य राष्ट्रीय प्रतीकों को आकर्षक रूप में प्रदर्शित किया गया। “राष्ट्रीय एकता जिंदाबाद” और “संविधान अमर रहे” जैसे नारों से पूरा शहर गूंज उठा। सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों ने देशभक्ति गीतों और नारों के साथ झाँकी का स्वागत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सम्राट अशोक क्लब के राष्ट्रीय संयोजक राजेश कुमार मौर्य ने कहा कि भारत एक राष्ट्र है और इस राष्ट्र को चलाने के लिए जो नियमावली बनाई गई है, वही भारत का संविधान है। पुराण हिंदुओं के लिए, कुरान मुसलमानों के लिए और बाइबल ईसाइयों के लिए है, लेकिन संविधान पूरे राष्ट्र के लिए है। उन्होंने कहा कि चन्द्रगुप्त मौर्य ने पूरे भारत को एक किया और सम्राट अशोक ने भारतवर्ष को ‘सोने की चिड़िया’ बनाया। विशिष्ट अतिथि वीरेंद्र कुमार प्रकृति, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कृष्ण प्रसाद, बृजेश कुमार सिंह सहित अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रतीक ने सभी से यह प्रण लेने का आह्वान किया कि वे राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए सदैव कार्य करते रहेंगे।
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