सीवान शहर के तरवारा मोड़ स्थित पावर स्टेशन के पीछे सीताराम नगर मुहल्ले में देर रात पुलिस ने एक मकान पर छापेमारी की। महिला थाना प्रभारी सोनी कुमारी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल ने लगभग एक घंटे तक तलाशी और पूछताछ की। इस दौरान एक महिला सहित तीन युवतियों को हिरासत में लेकर महिला थाने ले जाया गया। मुहल्लेवासियों का आरोप है कि जिस मकान में छापेमारी हुई, वहां लंबे समय से अनैतिक गतिविधियां चल रही थीं। स्थानीय लोगों के अनुसार, देर रात तक लड़के-लड़कियों का आना-जाना लगा रहता था, जिससे वे परेशान थे। इस संबंध में महिला थाना को पहले भी कई बार शिकायतें दी गई थी। युवतियों को लिया था हिरासत में स्थानीय निवासियों ने बताया कि कुछ दिन पहले भी इसी मकान में छापेमारी हुई थी। उस समय भी युवतियों को हिरासत में लिया गया था, लेकिन अगले ही दिन उन्हें यह कहकर छोड़ दिया गया कि कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला। इससे कथित गतिविधियों में शामिल लोगों का मनोबल बढ़ा और वे फिर से शुरू हो गईं। मुहल्लेवासियों का कहना है कि बार-बार शिकायत और छापेमारी के बावजूद ठोस कार्रवाई न होना पुलिस की कार्यप्रणाली पर संदेह पैदा करता है। छापेमारी के दौरान जब मीडिया ने महिला थाना प्रभारी सोनी कुमारी से जानकारी लेनी चाही, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और मौके से चली गई। पुलिस द्वारा न तो घटनास्थल पर और न ही बाद में कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया, जिससे इस मामले में रहस्य और गहरा गया है। मुहल्लेवासियों की शिकायत पर कार्रवाई हालांकि, छापेमारी दल में शामिल प्रशिक्षु डीएसपी ऋषभ आनंद ने बताया कि मुहल्लेवासियों की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि देर रात आवाजाही को लेकर संदेह था, जिसके कारण छापेमारी की गई और पूछताछ के लिए एक महिला समेत तीन युवतियों को थाने लाया गया है। डीएसपी ने यह भी स्वीकार किया कि अब तक कोई ठोस साक्ष्य बरामद नहीं हुआ है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पुलिस द्वारा बार-बार छापेमारी करना, लोगों को हिरासत में लेना और फिर बिना स्पष्ट जानकारी के छोड़ देना, न केवल पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है। बल्कि पुलिस की निष्पक्षता और प्रभावशीलता पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।
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