सीवान शहर के महादेवा स्थित चर्च में इस वर्ष क्रिसमस डे का पर्व पूरे श्रद्धा, उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। प्रभु यीशु मसीह के जन्मोत्सव के अवसर पर सुबह से ही चर्च परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। शहर के विभिन्न मोहल्लों के साथ-साथ आसपास के ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में लोग चर्च पहुंचे। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, चर्च परिसर बच्चों, युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों से खचाखच भर गया और पूरा इलाका उत्सव के रंग में रंगा नजर आया। भव्य सजावट से सजा चर्च परिसर क्रिसमस पर्व को लेकर महादेवा चर्च को भव्य और आकर्षक ढंग से सजाया गया था। चर्च परिसर को रंग-बिरंगी रोशनियों, चमकदार झालरों और खूबसूरत क्रिसमस ट्री से सजाया गया, जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। चर्च के अंदर और बाहर की गई सजावट ने पूरे क्षेत्र में एक अलग ही उत्सवी माहौल बना दिया। जैसे ही अंधेरा होने लगा, रोशनियों की चमक ने गिरजाघर की सुंदरता को और बढ़ा दिया। श्रद्धालु सजावट को निहारते हुए एक-दूसरे को क्रिसमस की शुभकामनाएं देते नजर आए। प्रभु यीशु के जन्म की झांकी बनी आकर्षण का केंद्र क्रिसमस के अवसर पर प्रभु यीशु के जन्म से जुड़ी विशेष झांकी भी सजाई गई थी, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनी रही। झांकी में प्रभु यीशु के जन्म की पूरी कथा को सजीव रूप में दर्शाया गया था। लोग झांकी के सामने रुककर प्रार्थना करते और श्रद्धा भाव से नमन करते दिखे। कई श्रद्धालुओं ने इस पावन दृश्य को अपने मोबाइल कैमरे में भी कैद किया। बच्चों और युवाओं में झांकी को लेकर खासा उत्साह देखा गया। विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन क्रिसमस डे के अवसर पर चर्च में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रभु यीशु मसीह के प्रेम, शांति, सेवा और भाईचारे के संदेशों को याद किया गया। पादरी ने अपने उपदेश में कहा कि क्रिसमस केवल एक पर्व नहीं, बल्कि मानवता, करुणा और आपसी सौहार्द का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु ने अपने जीवन से प्रेम, क्षमा और सेवा का मार्ग दिखाया, जिसे अपनाकर ही समाज में शांति और सद्भाव कायम किया जा सकता है। प्रार्थना सभा के दौरान श्रद्धालुओं ने मोमबत्तियां जलाकर प्रभु यीशु के प्रति अपनी श्रद्धा और आस्था प्रकट की। बच्चों की भागीदारी ने बढ़ाया उत्सव का उल्लास क्रिसमस समारोह का सबसे खास और मनमोहक दृश्य बच्चों की भागीदारी रही। कई बच्चे सांता क्लॉज की वेशभूषा में नजर आए, जिससे माहौल और भी रंगीन हो गया। चर्च परिसर में सांता क्लॉज बने स्वयंसेवकों द्वारा बच्चों के बीच चॉकलेट, टॉफी और उपहार वितरित किए गए। उपहार पाकर बच्चों के चेहरों पर खुशी देखते ही बन रही थी। बच्चों की हंसी और चहचहाहट से पूरा परिसर आनंद और उल्लास से भर उठा। भजन-कीर्तन और क्रिसमस गीतों से गूंजा चर्च कार्यक्रम के दौरान चर्च परिसर भजन-कीर्तन और क्रिसमस गीतों की मधुर धुनों से गूंजता रहा। कोयर ग्रुप द्वारा प्रस्तुत किए गए गीतों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। श्रद्धालु गीतों के साथ ताल मिलाते और प्रभु यीशु की स्तुति करते नजर आए। गीतों के माध्यम से शांति, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया गया, जिसे लोगों ने पूरे मन से आत्मसात किया। आपसी सौहार्द और भाईचारे का संदेश क्रिसमस पर्व के अवसर पर लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर शुभकामनाएं दीं और समाज में प्रेम व सौहार्द बनाए रखने का संकल्प लिया। चर्च प्रबंधन और स्वयंसेवकों ने आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। कार्यक्रम शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न हुआ। कुल मिलाकर, सीवान के महादेवा चर्च में मनाया गया क्रिसमस पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि इसने समाज को प्रेम, शांति और भाईचारे का सशक्त संदेश भी दिया।
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