सीतामढ़ी और शिवहर जिलों में तापमान में अचानक गिरावट और पछुआ हवाओं के सक्रिय होने से जनजीवन प्रभावित हुआ है। मंगलवार को दिनभर ठंडी हवा चलती रही, जिससे देर रात से ही कड़ाके की ठंड महसूस होने लगी। बुधवार सुबह पूरा जिला घने कोहरे की चादर में लिपटा नजर आया। सड़कों, खेतों और बाजारों में दृश्यता कम रही, जिससे लोगों को ठंड से बचाव के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ी। सुबह बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्टेशन रोड सहित शहर के प्रमुख इलाकों में सुबह सात बजे तक घना कोहरा छाया रहा, जिससे आवागमन करने वाले लोग ठिठुरते दिखे। न्यूनतम तापमान में गिरावट सुबह मौसम साफ था और धूप भी खिली थी, लेकिन दोपहर बाद चली पछुआ हवा ने धूप के असर को कम कर दिया। धूप में खड़े लोग भी कंपकंपी महसूस कर रहे थे। मौसम विभाग के अनुसार, अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बहुत अधिक गिरावट दर्ज नहीं की गई है, लेकिन तेज और ठंडी पछुआ हवा के कारण ठंड ज्यादा महसूस हुई। सुबह और शाम का समय सबसे अधिक सर्द रहा। लोगों ने अलाव जलाकर पाई राहत ग्रामीण इलाकों में किसान, मजदूर और बुजुर्ग ठंड से सबसे अधिक प्रभावित हुए। कई जगहों पर लोगों ने अलाव जलाकर राहत पाई। कृषि विज्ञान केंद्र के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पछुआ हवा की गति बढ़ी है। आने वाले तीन-चार दिनों तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है, लेकिन सर्द पछुआ हवा से ठिठुरन बनी रहेगी। फिलहाल घने कोहरे या शीतलहर की कोई चेतावनी नहीं है। शिवहर सदर अस्पताल के सेवानिवृत्त चिकित्सक डॉ. रामेश्वर राय ने बताया कि ठंड बढ़ने से सर्दी-खांसी, वायरल बुखार, सांस संबंधी रोग और एलर्जी के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने लोगों को सुबह-शाम गर्म कपड़े पहनने, ठंडी हवा से बचने और बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है।
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