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साहित्य-संस्कृति का अनूठा संगम दिखा

पटना }चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान में नालंदा लिटरेचर फेस्टिवल 2025 धूमधाम से संपन्न हुआ। अमात्या फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस एकदिवसीय आयोजन का थीम “विश्व गुरु भारत का पुनर्निर्माण- प्राचीन विरासत से आधुनिक पाठ तक” रखा गया। देशभर के 100 से अधिक विश्वविद्यालयों ने भाग लेकर कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्वरूप दिया। फेस्टिवल की शुरुआत “द वॉइस ऑफ नालंदा” सत्र से हुई, जहां क्यूरेटर वैशाली सेता ने स्वागत भाषण दिया। पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के बाद भारत के पहले हैंडपैन प्लेयर बाबा कुटानी की प्रस्तुति ने माहौल को विशेष बना दिया। मुख्य सत्रों में दिनकर 2.0 राष्ट्र, धर्म और डिजिटल युग, सिनेमा और रंगमंच में साहित्य और मिथक, मन और आधुनिकता जैसे विषयों पर प्रभावी चर्चा हुई। छात्रों के राष्ट्रीय वाद-विवाद “क्या आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस नई सरस्वती है या चुनौती?” ने कार्यक्रम में युवाओं ऊर्जा भरी। अंत में “साहित्य में महिलाओं की दृष्टि” पर बातचीत के साथ फेस्टिवल का समापन हुआ। इसी दौरान नालंदा इंटरनेशनल लिटरेचर फेस्टिवल 2026 की घोषणा भी की गई, जो 12-15 फरवरी 2026 को नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित होगा। नालंदा लिटरेचर फेस्ट 100 विश्वविद्यालय और संस्थान हुए शामिल


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