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सारंगी छाप महुअवा टोला के 40 परिवार आज भी सड़क से वंचित 1993 की बाढ़ में सड़क हो गई विलीन, तब से अब तक नहीं…

भास्कर न्यूज|पहाड़पुर प्रखंड क्षेत्र की मझरिया पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या 5 अंतर्गत महुअवा टोला के लगभग 40 परिवार आज भी बुनियादी सुविधा सड़क से वंचित हैं। वर्ष 1993 में जब बाढ़ आया उसके बाद सड़क विलीन हो गया। तब से आज तक सड़क अतिक्रमण का शिकार बना हुआ है। इसका सीधा असर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के दैनिक जीवन पर पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार, रास्ता बंद होने के कारण महिलाओं और बेटियों को सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्हें मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए भरवलिया तिवारी टोला स्थित मलंग बाबा स्थान के बांध तक पैदल जाना पड़ता है। वहीं से वे किसी तरह वाहन पकड़ पाती हैं। बरसात के मौसम में यह रास्ता फिसलन भरा और खतरनाक हो जाता है, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकार की जवाहर योजना के तहत पूर्व में उक्त मार्ग पर मिट्टी भराई कराई गई थी, ताकि ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा मिल सके। लेकिन अतिक्रमणकारियों ने कुदाल से मिट्टी काटकर अपने खेतों में मिला ली। इससे न केवल सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा, बल्कि ग्रामीणों का एकमात्र रास्ता भी पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। ग्रामीणों का आरोप है कि इस गंभीर समस्या को लेकर कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों और संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से आक्रोशित महुआवा टोला के लोग खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। सड़क के अभाव में बीमारों को अस्पताल ले जाना, बच्चों का स्कूल जाना और दैनिक जरूरतों की पूर्ति करना कठिन हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि वे वर्षों से इस समस्या को झेल रहे हैं और अब सब्र का बांध टूटने लगा है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि मामले की तत्काल जांच कराई जाए, सरकारी रास्ते की विधिवत नापी कर अतिक्रमण हटाया जाए तथा पक्की सड़क का निर्माण कराया जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। स्थानीय ग्रामीण मोहन प्रसाद, राम विनेश प्रसाद, सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि गांव में जब कोई बीमार होता है तो बरसात के दिनों में जान जोखिम में डालकर परिजन खटिया पर लाद कर लें जाते हैं। वहीं विंदा प्रसाद मेघा प्रसाद सिकंदर प्रसाद छोटेलाल प्रसाद भुलन प्रसाद सहित महिलाओं ने बताया कि नई नवेली दुल्हन को भी गांव से सात सौ मीटर की दूरी से उतरकर ससुराल आना पड़ता है। इस मांग को लेकर गोलू राउत, प्रकाश कुमार मोहित प्रसाद चन्द्रवती देवी सहित अन्य ग्रामीणों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।


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