बक्सर सांसद सुधाकर सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बक्सर रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण में हो रही देरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि परियोजना की घोषणा कई साल पहले हुई थी, लेकिन स्थानीय लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सांसद सिंह ने बताया कि इस परियोजना का शिलान्यास स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, जिससे बक्सर के लोगों में स्टेशन के जल्द आधुनिक सुविधाओं से लैस होने की उम्मीद जगी थी। हालांकि, जमीनी हकीकत यह है कि काम अपेक्षित गति से आगे नहीं बढ़ रहा है। हजारों यात्रियों को असुविधा का करना पड़ता सामना उन्होंने सदन को अवगत कराया कि यात्री आज भी पानी, प्रतीक्षालय, शौचालय और साफ-सफाई जैसी प्राथमिक जरूरतों के लिए जूझ रहे हैं। स्टेशन परिसर की खराब स्थिति के कारण रोजाना हजारों यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। बक्सर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर भी जोर दिया सुधाकर सिंह ने बक्सर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह महर्षि विश्वामित्र की तपोस्थली और भगवान श्रीराम की शिक्षा स्थली है। यह क्षेत्र आस्था, अध्यात्म, इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, इसलिए इसके विकास की अनदेखी उचित नहीं है। समय सीमा के भीतर कार्य संपन्न करने की अपील की सांसद ने सरकार से मांग की कि बक्सर स्टेशन के निर्माण और आधुनिकीकरण से जुड़ी प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा किया जाए। उन्होंने एक ठोस समय सीमा के भीतर कार्य संपन्न करने की अपील की, ताकि बक्सर के लोग भी आधुनिक और सुविधाजनक रेलवे सेवाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनता की अपेक्षाएं और क्षेत्र की गरिमा को ध्यान में रखते हुए अमृत भारत स्टेशन योजना के कार्यों में गति लाना सरकार की जिम्मेदारी है। अंत में उन्होंने भरोसा दिलाया कि बक्सर के गौरव, सुविधाओं और अधिकारों के लिए उनकी आवाज़ सदन में लगातार गूंजती रहेगी।
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