भास्कर न्यूज | बक्सर लोकसभा सांसद सुधाकर सिंह ने आज संसद से लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री तक, जिले की प्रमुख समस्याओं को मजबूती से उठाते हुए स्पष्ट कहा कि “बक्सर के विकास से किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जा सकता।” सांसद ने स्वास्थ्य, रेलवे और सड़क–यातायात से जुड़े तीन बड़े मुद्दों पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। सबसे पहले उन्होंने बक्सर के पुराने सदर अस्पताल परिसर में इमरजेंसी कोविड रिस्पॉन्स पैकेज के तहत बने 50 बेड वाले आधुनिक फील्ड हॉस्पिटल के संचालन की मांग रखी। लगभग 3.50 करोड़ रुपये की लागत से बना यह अत्याधुनिक अस्पताल महामारी जैसी विशेष परिस्थितियों में ही खोलने की योजना में है, जबकि सामान्य दिनों में इसे बंद रखा जाता है। सांसद ने इसे संसाधनों की बर्बादी बताते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी वाले जिले में इतने उन्नत अस्पताल को खाली रखना गरीब और ग्रामीण जनता के साथ अन्याय है। यह अस्पताल गंभीर मरीजों, एक्सीडेंट केस, मातृ-शिशु देखभाल और रोजमर्रा की चिकित्सा सेवाओं में बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इसे पूरे साल संचालित किया जाए, ताकि आम जनता को सस्ती और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ लगातार मिल सकें। स्टेशन पर सफाई की हालत खराब, प्रतीक्षालय भी नहीं सांसद सुधाकर सिंह ने लोकसभा में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बक्सर स्टेशन के कार्यों में हो रही देरी का मुद्दा भी तीखे शब्दों में उठाया। उन्होंने कहा कि घोषणा के वर्षों बाद भी स्टेशन पर पीने के पानी, प्रतीक्षालय, साफ-सफाई, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हो पाई हैं। उन्होंने याद दिलाया कि इस परियोजना का शिलान्यास स्वयं प्रधानमंत्री ने किया था और लोगों को उम्मीद थी कि बक्सर का स्टेशन आधुनिक स्वरूप जल्द लेगा, लेकिन आज भी यात्रियों को मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि “बक्सर कोई साधारण भूमि नहीं है, यह महर्षि विश्वामित्र की तपोभूमि और श्रीराम की शिक्षा स्थली है। ऐसे पवित्र और ऐतिहासिक क्षेत्र के साथ उपेक्षा नहीं हो सकती।”
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