सहरसा के पॉक्सो विशेष न्यायाधीश राकेश कुमार राकेश ने एक महत्वपूर्ण मामले में फैसला सुनाते हुए तीन अभियुक्तों को दोषी ठहराया है। न्यायालय ने उन्हें विभिन्न धाराओं के तहत सजा सुनाई और पीड़िता को पांच लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया। यह फैसला 11 दिसंबर 2025 को बिहरा थाना कांड संख्या 118/2021 से संबंधित मामले में आया। सहरसा पुलिस द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और चार्जशीट के आधार पर संतोष यादव और आशीष कुमार (दोनों लक्ष्मीनिया, थाना बिहरा, सहरसा निवासी) को दोषी ठहराया गया है। तीसरे दोषी का नाम राजा कुमार है, जो बेलोखरी, थाना घेलाढ, जिला मधेपुरा का निवासी है। अदालत ने अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 341 के तहत एक माह का साधारण कारावास और 500 रुपये जुर्माना सुनाया। जुर्माना अदा न करने पर सात दिन का अतिरिक्त कारावास होगा। धारा 342 के तहत एक वर्ष का साधारण कारावास और 1000 रुपये जुर्माना (अदा न करने पर तीन माह अतिरिक्त) तथा धारा 323 के तहत एक वर्ष का साधारण कारावास और 10,000 रुपये जुर्माना (अदा न करने पर तीन माह अतिरिक्त) का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त, धारा 354(B) के तहत छह वर्ष का सश्रम कारावास और 10,000 रुपये जुर्माना (अदा न करने पर एक वर्ष अतिरिक्त) तथा धारा 504 के तहत एक वर्ष का साधारण कारावास और 1000 रुपये जुर्माना (अदा न करने पर तीन माह अतिरिक्त) की सजा सुनाई गई है। पॉक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत चार वर्ष का सश्रम कारावास और 10,000 रुपये जुर्माना (अदा न करने पर एक वर्ष अतिरिक्त) और धारा 12 के तहत दो वर्ष का सश्रम कारावास और 10,000 रुपये जुर्माना (अदा न करने पर छह माह अतिरिक्त) का आदेश दिया गया है। न्यायालय ने पीड़िता को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विन्देश्वरी प्रसाद यादव ने पैरवी की, जबकि पुलिस अवर निरीक्षक शशि भूषण सिन्हा ने अनुसंधान कार्य संपन्न किया था।
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