सहरसा में DM दीपेश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को समाहरणालय में जल-जीवन-हरियाली अभियान की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले में पेयजल आपूर्ति के लिए संचालित नल-जल योजना, उसके संचालन में आ रही चुनौतियों और ठोस द्रव्य अपशिष्ट निपटारा से जुड़े कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। नल-जल योजना के सुचारु संचालन पर जोर समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने नल-जल योजना के निर्बाध और सुचारु संचालन पर विशेष बल दिया। उन्होंने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल (पीएचईडी) एवं बुडको के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि योजना से संबंधित प्राप्त सभी शिकायतों का तुरंत और प्रभावी निष्पादन सुनिश्चित किया जाए। डीएम ने कहा, स्वच्छ और नियमित पेयजल आपूर्ति सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। लंबित योजनाएं जनवरी के दूसरे सप्ताह तक हों पूरी बैठक में यह भी पाया गया कि नल-जल योजना से जुड़ी कुछ योजनाएं अब तक अधूरी हैं। इस पर जिलाधिकारी ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण प्रमंडल को निर्देश दिया कि सभी लंबित योजनाओं को जनवरी माह के दूसरे सप्ताह तक हर हाल में पूर्ण कर लिया जाए, ताकि आम जनता को निर्बाध पेयजल उपलब्ध कराया जा सके। ठोस अपशिष्ट निपटारा में 91 प्रतिशत उपलब्धि स्वच्छता अभियान के अंतर्गत जिले में ठोस द्रव्य अपशिष्ट निस्तारण को लेकर किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बताया कि निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध अब तक लगभग 91 प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर ली गई है। इस पर जिलाधिकारी ने संतोष व्यक्त करते हुए शेष लक्ष्य को भी यथाशीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया। समन्वय और नियमित मॉनिटरिंग पर डीएम का जोर जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने और नियमित मॉनिटरिंग के माध्यम से योजनाओं की प्रगति सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जल संरक्षण और स्वच्छता जैसे अभियानों की सफलता सभी विभागों की सामूहिक जिम्मेदारी है और इसमें किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं होनी चाहिए।
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