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सहरसा में VHP-बजरंग दल का थाना पर प्रोटेस्ट:मानस मिश्रा पर दर्ज मुकदमे को बताया झूठा, जांच की मांग

सहरसा में बुधवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सदर थाना पहुंचकर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। यह आरोप बजरंग दल के प्रमुख मानस मिश्रा पर दर्ज कथित झूठे मुकदमे को लेकर लगाए गए हैं। विहिप के जिलाध्यक्ष पम्पल सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता थाना परिसर पहुंचे और निष्पक्ष जांच की मांग की। विहिप जिलाध्यक्ष पम्पल सिंह ने कहा कि सहरसा प्रशासन द्वारा बार-बार विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को बेवजह फंसाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिले के सुरक्षा प्रमुख मानस मिश्रा के खिलाफ साजिश के तहत झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह मामला अप्रैल माह का है, जिसकी जांच सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इरशाद को सौंपी गई थी। बिना निष्पक्ष जांच के ही केस को सही मान लिया गया पम्पल सिंह के अनुसार, बिना निष्पक्ष जांच के ही केस को सही मान लिया गया और अब लगातार गिरफ्तारी का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस तरह की कार्रवाई बंद नहीं हुई तो संगठन आंदोलन करने को बाध्य होगा। पूरे परिवार के खिलाफ सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई बजरंग दल प्रमुख मानस मिश्रा ने बताया कि मीर टोला निवासी किरण देवी ने अपने बेटे के साथ मारपीट का आरोप लगाते हुए उनके, उनके पिता डॉ. रंजीत मिश्रा और पूरे परिवार के खिलाफ सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। मानस मिश्रा का दावा है कि यह मुकदमा पूरी तरह झूठा और साजिश के तहत दर्ज किया गया है। वीडियो साक्ष्य के बावजूद निष्पक्ष जांच नहीं की उन्होंने बुधवार को एक वीडियो भी सार्वजनिक किया, जिसमें कथित पीड़िता किरण देवी यह स्वीकार करती नजर आ रही हैं कि मारपीट की घटना में न तो मानस मिश्रा और न ही उनके पिता शामिल थे। मानस मिश्रा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने इस वीडियो साक्ष्य के बावजूद निष्पक्ष जांच नहीं की और बिना तथ्यों की पुष्टि किए केस को सही ठहरा दिया। गिरफ्तारी की आशंका से आक्रोशित होकर ही संगठन के कार्यकर्ता सदर थाना पहुंचे उन्होंने कहा कि लगातार गिरफ्तारी की आशंका से आक्रोशित होकर ही संगठन के कार्यकर्ता सदर थाना पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने थाना अध्यक्ष से मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की। इस पूरे मामले पर सदर थाना अध्यक्ष सुबोध कुमार ने बताया कि यह मामला पुराना है और अनुसंधानकर्ता द्वारा जांच के बाद केस को सत्य पाया गया है।


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