सहरसा के कृषि संयुक्त कार्यालय परिसर में मंगलवार से दो दिवसीय कृषि मेला सह प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ। जिलाधिकारी दीपेश कुमार और जिला उप विकास आयुक्त संजय कुमार निराला ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर मेले का विधिवत उद्घाटन किया। इसके बाद फीता काटकर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में महिला और पुरुष किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मेले में सब्जियों, फूलों, फलों और अन्य कृषि उत्पादों की आकर्षक प्रदर्शनी लगाई गई, जिसे देखने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी। जिलाधिकारी दीपेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि आत्मा द्वारा आयोजित यह किसान मेला किसानों को जागरूक करने की एक सराहनीय पहल है। उन्होंने बताया कि यहां प्रदर्शित नई फसलों और उन्नत उत्पादों को देखकर अन्य किसान भी प्रेरित होंगे। जिलाधिकारी ने विशेष रूप से सत्तरकटैया प्रखंड में उत्पादित संतरे का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जब नागपुर जैसे गर्म प्रदेश में संतरे की खेती संभव है, तो सहरसा में भी बड़े स्तर पर इसका उत्पादन किया जा सकता है। ‘कोशी और सीमांचल क्षेत्र पानी से समृद्ध’ डीएम ने आगे कहा कि कोशी और सीमांचल क्षेत्र पानी से समृद्ध है, जहां मात्र 13 फीट की गहराई में भूजल उपलब्ध हो जाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले दस वर्षों में सहरसा कृषि क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति का साक्षी बनेगा, क्योंकि यहां कृषि उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। दो दिवसीय कार्यशाला का भी आयोजन किया गया जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने जानकारी दी कि आत्मा के तहत दो दिवसीय कार्यशाला का भी आयोजन किया गया है। इसमें किसानों को नई कृषि तकनीकों, आधुनिक पद्धतियों और उन्नत खेती के बारे में जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि मेले में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले किसानों को चयन समिति द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। कृषि पदाधिकारी ने यह भी बताया कि जिले में संतराचरण, ड्रैगन फ्रूट, मखाना उत्पादन और ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। विभाग किसानों को प्रशिक्षण देने, बाहरी राज्यों में एक्सपोजर विजिट कराने और वैज्ञानिक सम्मेलनों के माध्यम से नई तकनीकों से जोड़ने की दिशा में लगातार कार्य कर रहा है।
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