सहरसा में एक महीने तक चलने वाले ऐतिहासिक रक्त काली चौसठ योगिनी (महायोगिनी) मेले का गुरुवार को विधिवत शुभारंभ हुआ। पटेल मैदान में आयोजित इस मेले का उद्घाटन प्रभारी जिलाधिकारी सह अपर समाहर्ता निशांत ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर सहरसा डीसीएलआर, अग्निशमन विभाग के पदाधिकारी और मेला समिति के सदस्य सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। मेला राज्य ही नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर बनाए पहचान प्रभारी जिलाधिकारी निशांत ने इस मौके पर कहा कि जिला प्रशासन का प्रयास है कि यह मेला भविष्य में सोनपुर मेले की तर्ज पर विकसित हो। उन्होंने बताया कि इस वर्ष मेले को शहर के पटेल मैदान में आयोजित किया गया है, जहां पर्याप्त खुला और विस्तृत क्षेत्र उपलब्ध है। इससे मेले को बड़े स्तर पर विकसित करने में मदद मिलेगी और जगह की कमी नहीं होगी। प्रशासन की मंशा है कि यह मेला धीरे-धीरे राज्य ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाए। प्रशासन ने आयोजकों को मेले के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना या अप्रिय घटना से बचने के सख्त निर्देश दिए हैं, ताकि मेले और जिला प्रशासन की छवि प्रभावित न हो। मेला 25 दिसंबर से 24 जनवरी तक पटेल मैदान नगर निगम को मेले में साफ-सफाई की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती की गई है, जिससे लोग निश्चिंत होकर मेले का आनंद ले सकें। यह मेला 25 दिसंबर से 24 जनवरी तक पटेल मैदान, सहरसा में चलेगा, जिसके बाद इसे सुपौल स्थानांतरित किया जाएगा। मेला आयोजक अमृत राज उर्फ मोहन ने जानकारी दी कि पिछले वर्ष यह मेला रक्त काली मत्स्यगंधा मंदिर प्रांगण में आयोजित हुआ था, लेकिन इस बार इसे पटेल मैदान में और भी भव्य रूप में लगाया गया है। मेले के मुख्य आकर्षणों में वैष्णो देवी मंदिर का सजीव स्वरूप, भूल-भुलैया, देशभर में चर्चित सुनामी झूला, बड़ा अजमेरी झूला और मौत का कुआं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस मेले में कम से कम 15 राज्यों से आए व्यापारी भाग ले रहे हैं। खाने-पीने के विविध व्यंजन, महिलाओं के लिए प्रसाधन सामग्री और बच्चों के खेलकूद व मनोरंजन के विशेष इंतजाम किए गए हैं। आयोजकों का दावा है कि यह मेला पिछले वर्षों की तुलना में अधिक भव्य, सुरक्षित और आकर्षक होगा।
https://ift.tt/kjGq74B
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply