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सहरसा में बैंक मैनेजर ने की आत्महत्या:सुसाइड नोट में लिखा-वर्क प्रेशर की वजह से मर रहा हूं, पत्नी को मेरी नौकरी दी जाए

सहरसा में मंगलवार की सुबह IDBI बैंक मैनेजर का फंदे से लटका शव मिला है। मैनेजर की पहचान राकेश रौशन(45) के रूप में हुई है। घटना के समय वे घर में अकेले थे। उनकी पत्नी और बच्चे झारखंड के गोड्डा में अपने मामा की शादी में शामिल होने गए थे। कमरे से सुसाइड नोट मिला है। इसमें उन्होंने लिखा है, पारिवारिक विवाद और बढ़ते काम के दबाव की वजह से मैं सुसाइड कर रहा हूं। घटना सहरसा सदर थाना क्षेत्र की है। सुबह 11 बजे पुलिस को घटना की जानकारी मिली है। पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर शव को कब्जे में लिया। फिलहाल, घटनास्थल पर पुलिस मौजूद है। मृतक की पत्नी देर शाम घटनास्थल पर पहुंची। इसके बाद पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से उतारा है। इसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। मृतक की पहचान दरभंगा जिले के लहेरियासराय थाना क्षेत्र के रहने वाले राकेश रौशन(45) के रूप में हुई है। वह सहरसा में IDBI बैंक में मैनेजर पद पर पदस्थापित थे। घटनास्थल से देखें तस्वीरें… सुसाइड नोट में लिखा– पत्नी को दी जाए बैंक में नौकरी पुलिस के अनुसार मिले सुसाइड नोट में राकेश ने पारिवारिक तनाव और बैंक में बढ़ते काम के दबाव से परेशान होकर यह कदम उठाने की बात लिखी है। खास बात यह है कि अंत में उन्होंने अपनी पत्नी पर भरोसा जताते हुए बैंक प्रबंधन से अनुरोध किया है कि उनकी पत्नी को नौकरी दी जाए। प्रेम विवाह, पत्नी की दूसरी शादी राकेश रोशन परिवार में इकलौते भाई थे। उनकी दो बहनें हैं, दोनों ही उनसे बड़ी हैं। राकेश ब्राह्मण परिवार से थे जबकि उनकी पत्नी पूजा रोशन नाई समाज से आती हैं। पूजा की यह दूसरी शादी राकेश से 2017 में देवघर के मंदिर में हुआ था। पत्नी की पहली शादी कटिहार में हुई थी, जहां पति की सड़क दुर्घटना में 2017 में मौत हो गई थी। उस समय पूजा 8 महीने की गर्भवती थीं और बाद में एक बेटे को जन्म दिया। रांची में पढ़ाई के दौरान मिला था साथ पति की मौत के बाद पूजा ने साल 2016 में रांची में GNM कोर्स शुरू किया। इसी दौरान राकेश रोशन की बहन भी GNM की पढ़ाई कर रही थीं। इसी बीच दोनों की मुलाकात यहीं से शुरू हुई और नजदीकियां बढ़ने के बाद 2017 में देवघर के बाबा मंदिर में दोनों परिवारों की सहमति से शादी हुई। शादी के बाद राकेश ने पूजा के पहले पति से जन्मे बेटे को अपना बेटा स्वीकार कर लिया। इसके बाद दंपती को एक बेटा शौर्य (8) और एक बेटी (3) हुई। सुबह बैंक न पहुंचने पर कर्मचारियों को हुई जानकारी मंगलवार सुबह 10 बजे तक राकेश रौशन जब बैंक नहीं पहुंचे तो चपरासी ने उन्हें फोन किया। करीब 4-5 कॉल करने के बाद उनका फोन स्विच ऑफ हो गया। इसके बाद चपरासी मोहम्मद मोहिद ने इस घटना की जानकारी बैंक के अन्य कर्मचारियों को दी। इसी दौरान राकेश की पत्नी का फोन भी बैंक में आया। उन्होंने भी कहा, मेरा उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है, आप बात करवा देंगे। इसके बाद चपरासी ने मैनेजर की पत्नी को बताया, सर अभी तक ऑफिस नहीं आए हैं। हमलोग भी फोन किए तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। अब घटना की जानकारी पुलिस को दी जा रही है। कमरा अंदर से बंद, शव पंखे से लटका मिला वहीं, करीब 10.30 बजे बैंक कर्मचारी और चपरासी मोहिद राकेश के रूम पर पहुंचे। उन्होंने करीब 10 मिनट तक राकेश के गेट को नॉक किया। जब अंदर से कोई आवाज नहीं आई तो उन्होंने गेट के ऊपर मौजूद वेंटिलेशन से झांक कर देखा तो राकेश का शव पंखे से लटका मिला। इस घटना के बारे में कर्मचारियों ने तुरंत पुलिस और मकान मालिक को बताया। इसके बाद राकेश की पत्नी को फोन कर घटना की जानकारी दी गई। सूचना मिलते ही सदर थाना अध्यक्ष सुबोध कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। वेंटिलेशन से अंदर झांकने पर देखा गया कि मैनेजर का शव कपड़े के सहारे फंदे से लटका हुआ है। वहीं, बिस्तर पर एक तौलिया रखा है। पुलिस ने अनुमान लगाया है कि यह मामला आत्महत्या का है, हालांकि इसके पीछे की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। सुपौल में 3 साल तक सेवा दे चुके हैं बता दें कि राकेश 2 साल से इसी घर में अपनी पत्नी, दो बेटे और एक बेटी के साथ किराए पर रह रहे थे। वे दो साल से इसी बैंक में मैनेजर के तौर पर पोस्टेड थे। इससे पहले वे सुपौल में तीन साल तक सेवा दे चुके हैं। सुपौल के एक कर्मी ने कैमरे पर बिना बाइट दिए कहा, राकेश बहुत ही नेक इंसान थे।उनके साथ बात कर के अच्छा लगता था। बहुत सुलझे इंसान थे। मैंने उनके साथ तीन सालों तक सुपौल में काम किया है, लेकिन कभी उनको टेंशन में नहीं देखा। बल्कि वे दूसरों को भी हंसाते रहते थे। राकेश घर के इकलौते वारिस थे। उनके पिता की कोविड के समय मौत हो गई थी। मां भी कोविड से पहले ही डेथ कर चुकी थी। पहली नजर में आत्महत्या का मामला- थानाध्यक्ष घटनास्थल पर पहुंची सहरसा सदर थाना पुलिस ने कमरे से बरामद मोबाइल, नोट और परिस्थितियों का निरीक्षण किया। थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने बताया, पहली नजर में मामला सुसाइड का लग रहा है। सुसाइड नोट में पारिवारिक विवाद और काम के दबाव का जिक्र किया गया है। FSL टीम मौके से साक्ष्य एकत्र कर चुकी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस फिलहाल इस बात की भी जांच कर रही है कि आत्महत्या के पीछे कोई अन्य कारण या दबाव तो नहीं था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच के बाद स्थिति और साफ हो सकेगी।


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