सहरसा में मोंथा चक्रवात के कारण हुई अचानक बारिश ने कृषि कार्यों को बुरी तरह प्रभावित किया है। जिले के अधिकांश क्षेत्रों में धान की फसल में अत्यधिक नमी आ गई, जिससे कटाई 15 से 20 दिनों तक बाधित रही। इसके परिणामस्वरूप किसानों को नुकसान हुआ और रबी फसलों की बुवाई भी निर्धारित समय से पीछे हो गई। किसान राजेंद्र दास ने बताया कि कटाई से ठीक पहले हुई बारिश के कारण खेतों में खड़ी धान की फसल भीग गई, जिससे कटाई संभव नहीं हो पाई। इस स्थिति ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। 80 प्रतिशत बीज किसानों के बीच वितरित दूसरी ओर, कृषि विभाग ने रबी सीजन की बुवाई के लिए जिले में बीज और खाद की पर्याप्त उपलब्धता का आश्वासन दिया है। जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने जानकारी दी कि जिले के लिए निर्धारित 11,159 क्विंटल रबी बीज में से 80 प्रतिशत बीज किसानों के बीच वितरित किया जा चुका है। उपलब्ध बीजों में गेहूं, मसूर, सरसों, तिसी, चना और हरा मटर शामिल हैं। स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती को बढ़ावा देने की योजना विभाग ने स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती को बढ़ावा देने की योजना भी बताई है, जिसके लिए किसानों को प्रशिक्षण और सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, कृषि बाजारों को मजबूत करने के लिए 28 स्थानों का चयन किया गया है, जहां बाजार समिति के गठन की प्रक्रिया चल रही है। फिलहाल 24 हजार मैट्रिक टन खाद उपलब्ध कृषि विभाग के अनुसार, जिले में फिलहाल 24 हजार मैट्रिक टन खाद उपलब्ध है, जिसे किसानों को आवश्यकतानुसार वितरित किया जा रहा है। 1125 हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती भी जारी है। पिछले छह महीनों में खाद और बीज दुकानों की जांच के दौरान नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर आठ दुकानों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं। किसानों से यूरिया का कम उपयोग करने की अपील की विभाग ने किसानों से यूरिया का कम उपयोग करने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि किसी भी शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। मौजूदा चुनौतियों के बीच, विभाग का लक्ष्य है कि किसानों को समय पर बीज और तकनीकी सहायता प्रदान कर प्रभावित कृषि कार्यों को सामान्य स्थिति में लाया जाए।
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