सहरसा में उद्योगों को बढ़ावा देने और स्थानीय उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से सहरसा समाहरणालय सभागार में उद्यमी संवाद यात्रा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य मुख्यालय से आए बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) के अधिकारियों ने जिले के उद्यमियों के साथ सीधा संवाद किया। संवाद का मुख्य उद्देश्य जिले में निवेश की संभावनाओं को तलाशना, उद्योग स्थापना से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल बनाना और सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी उद्यमियों तक पहुंचाना रहा। उद्योग स्थापना की प्रक्रियाओं पर दी गई विस्तृत जानकारी कार्यक्रम के दौरान बियाडा के अधिकारियों ने लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग (MSME) की स्थापना से जुड़ी प्रक्रियाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उद्योग लगाने के लिए भूमि आवंटन, आधारभूत संरचना, बिजली-पानी की सुविधा और अन्य अनुमतियों की प्रक्रिया को किस तरह सरल बनाया गया है। अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य निवेशकों को एक ही मंच पर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना है, ताकि उद्यमियों को अनावश्यक दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें। पीएमईजीपी और पीएमएफएमई योजनाओं पर विशेष फोकस संवाद के दौरान उद्योग विभाग की ओर से संचालित प्रमुख योजनाओं पर विशेष चर्चा की गई। इनमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) प्रमुख रहीं। अधिकारियों ने बताया कि इन योजनाओं के तहत युवाओं और छोटे उद्यमियों को सब्सिडी के साथ ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे वे अपना स्वरोजगार शुरू कर सकें। खासकर खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्यमों के लिए पीएमएफएमई योजना को बेहद उपयोगी बताया गया। लंबित आवेदनों की समीक्षा, बैंकों को दिए निर्देश कार्यक्रम में विभिन्न बैंक शाखाओं में लंबित आवेदनों की भी समीक्षा की गई। कई उद्यमियों ने शिकायत की कि आवेदन स्वीकृति में अनावश्यक देरी हो रही है। इस पर बियाडा अधिकारियों और जिला प्रशासन ने संबंधित बैंकों से समन्वय स्थापित कर समस्याओं के त्वरित समाधान का आश्वासन दिया। अधिकारियों ने बैंकों को निर्देश दिया कि पात्र आवेदनों का शीघ्र निपटारा किया जाए, ताकि उद्यमियों का भरोसा बना रहे। पीएमईजीपी-टू के लिए लाभार्थियों को किया गया प्रोत्साहित संवाद में पीएमईजीपी के सफल लाभार्थियों को अपने उद्योग का विस्तार करने के लिए पीएमईजीपी-टू के तहत आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। अधिकारियों ने कहा कि जिन उद्यमियों ने पहले चरण में अच्छा प्रदर्शन किया है, उन्हें सरकार आगे बढ़ने का पूरा अवसर देना चाहती है। इससे न केवल उनका व्यवसाय बढ़ेगा, बल्कि जिले में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। उद्योग विकास सरकार की शीर्ष प्राथमिकता: प्रभारी डीएम कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रभारी जिलाधिकारी निशांत ने कहा कि मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की नई प्राथमिकताओं में उद्योग विकास सबसे अहम है। इसी उद्देश्य से पूरे राज्य में उद्यमी संवाद यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि उद्यमियों को योजनाओं की सही जानकारी मिले और उनकी व्यावहारिक समस्याओं का समाधान प्रशासनिक स्तर पर किया जाए। सहरसा में उद्योगों की अपार संभावनाएं प्रभारी डीएम ने बताया कि संवाद के दौरान जिले के विकास से जुड़े कई अच्छे और व्यावहारिक प्रस्ताव सामने आए हैं। इन प्रस्तावों को लेकर नीतिगत निर्णय के लिए राज्य सरकार को अनुशंसा भेजी जाएगी। वहीं, स्थानीय स्तर पर जिन व्यवस्थाओं की आवश्यकता है, उन्हें जिला प्रशासन स्वयं सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि सहरसा में कृषि आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण और लघु उद्योगों की अपार संभावनाएं हैं। उद्यमियों के साथ मिलकर आगे बढ़ेगा जिला कार्यक्रम के समापन पर यह भरोसा जताया गया कि जिला प्रशासन और बियाडा मिलकर उद्यमियों के साथ समन्वय स्थापित करेंगे। सरकार की मंशा है कि सहरसा को औद्योगिक रूप से मजबूत बनाया जाए, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले और जिले की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके।
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