सहरसा नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने प्रशासन पर गंभीर शोषण का आरोप लगाया है। अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने 2 और 3 जनवरी को दो दिवसीय हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। सफाई कर्मी संघ के सचिव अमर कुमार मल्लिक ने बुधवार शाम प्रेस को यह जानकारी दी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे। कर्मचारियों का कहना है कि दिन-रात मेहनत करने के बावजूद उन्हें समय पर मासिक वेतन नहीं मिलता। वेतन के लिए उन्हें महीनों तक नगर निगम कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इस दौरान कार्यालय कर्मियों द्वारा उन्हें डांट-फटकार और अपमानजनक व्यवहार का भी सामना करना पड़ता है। दिन का वेतन बिना किसी ठोस कारण के काट लिया गया सफाई कर्मियों ने बताया कि 6 नवंबर को मतदान के दिन का एक दिन का वेतन बिना किसी ठोस कारण के काट लिया गया। इसके अतिरिक्त, पिछले एक वर्ष से अधिक समय से उनके वेतन से ईपीएफ की राशि काटी जा रही है, लेकिन वह ईपीएफ खाते में जमा नहीं की गई है। इस गंभीर अनियमितता को लेकर कर्मचारियों ने कई बार सहरसा नगर निगम कार्यालय को लिखित आवेदन सौंपे हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। वेतन वृद्धि और अन्य मांगों को लेकर पहले भी कई बार हड़ताल की जा चुकी है। मामला बोर्ड की बैठक में उठाया जाएगा कर्मचारियों का आरोप है कि हर बार नगर निगम प्रशासन और महापौर की ओर से केवल आश्वासन ही मिला कि मामला बोर्ड की बैठक में उठाया जाएगा। हालांकि, आज तक न तो बोर्ड बैठक में इस पर कोई निर्णय लिया गया और न ही उनकी समस्याओं का समाधान हुआ। इस पूरे मामले में जनप्रतिनिधियों, पार्षदों और मेयर की चुप्पी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच, क्षेत्र के विधायक आई.पी. गुप्ता ने जिला कार्यालय में सफाई कर्मियों के लिए 18,000 रुपए प्रति माह वेतन देने की मांग उठाई है, जिसका कर्मचारियों ने समर्थन करते हुए विधायक के प्रति आभार व्यक्त किया है। सफाई कर्मचारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी नगर निगम सहरसा प्रशासन की होगी।
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