सहरसा जिलाधिकारी दीपेश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार शाम स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षा बैठक हुई। जिला समाहरणालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित इस बैठक में विभाग की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की गई। अपेक्षित प्रगति न होने पर संबंधित अधिकारियों को सुधारात्मक निर्देश दिए गए। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने भव्या पोर्टल की स्थिति पर असंतोष व्यक्त किया। राज्य स्तरीय रैंकिंग में सहरसा जिला 16वें स्थान पर है, और सदर अस्पताल में ऑनलाइन कंसल्टेशन की प्रगति संतोषजनक नहीं पाई गई। कम प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी तथा संबंधित चिकित्सकों से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया गया। भव्या कार्यक्रम के अन्य संकेतकों में भी सुधार के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए। जिलाधिकारी ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई, स्वच्छ पेयजल (आरओ व्यवस्था), दवाओं की उपलब्धता और मरीजों को समय पर संवेदनशील सेवाएं प्रदान करने पर जोर दिया। ओपीडी में कम प्रदर्शन करने वाले संस्थानों को सुधार करने, चिकित्सकों को समय पर ड्यूटी सुनिश्चित करने और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए। एएनसी की गुणवत्ता सुधारने, ओपीडी में मरीजों के पंजीकरण के बाद त्वरित जांच, दवाओं की समय पर उपलब्धता और अनावश्यक देरी रोकने पर भी बल दिया गया, ताकि औसत यात्रा समय और प्रतीक्षा समय में सुधार हो सके। बैठक में टीकाकरण, मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, वेक्टर जनित एवं गैर-संचारी रोग, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का संचालन, आरसीएच पोर्टल पर डेटा संधारण, टेलीमेडिसिन और आयुष्मान भारत योजना की भी समीक्षा हुई। सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर जन आरोग्य समिति का गठन, नियमित बैठकें, 100 प्रतिशत वेलनेस गतिविधियां और निर्धारित दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। बैठक में सिविल सर्जन, जिला स्तरीय अधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रबंधक और प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।
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