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सलमान की फिल्म बैटल ऑफ गलवान पर चीन में नाराजगी:कहा- ट्रेलर हकीकत से हटकर, चीनी मीडिया बोली- अभी इसका रिलीज होना गलत

चीन में सलमान खान की आने वाली फिल्म ‘बैटल ऑफ गलवान’ को लेकर आलोचना शुरू हो गई है। इस फिल्म के दृश्यों को हकीकत से अलग बताया जा रहा है। कई लोग इसके ट्रेलर की कुछ सीन को हॉलीवुड के गेम ऑफ थ्रोन्स के दृश्य से तुलना कर रहे हैं। ग्लोबल टाइम्स ने इस फिल्म को लेकर एक आर्टिकल भी छपा है, जिसका टाइटल है- ‘बैटल ऑफ गलवान’ फिल्म पर विवाद, फिल्म चाहे कितनी भी नाटकीय हो, देश की सीमा पर असर नहीं डाल सकती अखबार एक चीनी एक्सपर्ट के हवाले से लिखता है कि जब चीन और भारत के रिश्तों में सुधार हो रहा है तो इस फिल्म का रिलीज होना गलत है। यह फिल्म सिर्फ भारतीय नजरिया को पेश कर चीन विरोधी भावना बढ़ा सकती है। सलमान के हेयर स्टाइल की भी आलोचना बैटल ऑफ गलवान का ट्रेलर 27 दिसंबर को सलमान खान के जन्मदिन पर रिलीज हुआ था। यह फिल्म 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई झड़प पर आधारित बताई जा रही है। सलमान इसमें कर्नल संतोष बाबू का किरदार निभा रहे हैं। चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सलमान खान की ड्रेस और उनकी हेयर स्टाइल को लेकर भी आलोचना की गई है। चीनी एक्सपर्ट्स का कहना है कि बॉलीवुड फिल्में मनोरंजन के लिए होती हैं, लेकिन वे इतिहास नहीं बदल सकतीं। अखबाल ने लिखा- फिल्म फैक्ट बदल नहीं सकती चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने मिलिट्री एक्सपर्ट सॉन्ग झोंगपिंग के हवाले से लिखा कि भारत में फिल्मों का इस्तेमाल देशभक्ति की भावना बढ़ाने के लिए किया जाता है। लेकिन कोई भी फिल्म गलवान झड़प के फैक्ट को नहीं बदल सकती। सॉन्ग ने कहा कि पहले भारतीय सैनिकों ने सीमा पार किया, जिसके जवाब में चीनी सैनिकों ने चीनी बॉर्डर की रक्षा की। उन्होंने कहा कि चीनी सेना राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा में कभी पीछे नहीं हटेगी। सॉन्ग ने यह भी कहा कि ऊंचाई वाले इलाकों में चीनी सैनिक हमेशा अपने कर्तव्य निभाते हैं और चुनौतियों का सामना करते हैं, जिससे जनता का विश्वास बढ़ता है। गलवान की घटना चीनी समाज में बहुत शिद्दत से याद की जाती है और राष्ट्रीय भावना को मजबूत करती है। अखबार ने लिखा- भारतीय सैनिक झड़प के जिम्मेदार ग्लोबल टाइम्स ने गलवान घटना का दोष भारतीय सैनिकों पर दिया है। अखबार लिखता है कि गलवान घाटी चीन-भारत सीमा के पश्चिमी हिस्से में LAC के चीनी हिस्से में है। हिंसक झड़प से पहले भी कई सालों से चीनी सैनिक यहां पेट्रोलिंग और ड्यूटी कर रहे थे। अप्रैल 2020 से भारतीय सैनिकों ने LAC पर सड़कें, पुल और अन्य सुविधाएं बनानी शुरू की। चीन ने कई बार विरोध जताया, लेकिन भारत ने LAC पार किया और उकसावे वाली हरकत की। चीनी अखबार लिखता है कि 6 मई 2020 की सुबह भारतीय सैनिक रात में LAC पार कर चीन के इलाके में घुसे और वहां किलेबंदी और बैरिकेड बनाकर चीनी सैनिकों की पेट्रोलिंग में रुकावट डाली। चीनी सैनिकों को स्थिति को संभालने और सीमा पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने पड़े। ग्लोबल टाइम्स लिखता है कि चीन ने 2021 में गलवान झड़प की पूरी डिटेल्स शेयर की, ताकि शहीदों का सम्मान किया जा सके। उस समय के रक्षा मंत्रालय प्रवक्ता रेन गुओकियांग ने कहा कि झड़प की जिम्मेदारी भारतीय सेना की थी, क्योंकि उन्होंने अवैध रूप से LAC पार किया और चीनी सैनिकों पर हमला किया। चीन सरकार के मुताबिक इस झड़प में 4 चीनी अधिकारी और सैनिक शहीद हुए और एक गंभीर रूप से घायल हुआ। उन्हें चीन की सेंट्रल मिलिट्री कमिशन ने सम्मानित किया। वहीं, भारत की ओर से 20 सैनिक मारे गए।


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