सतना में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाने के मामले में नया खुलासा हुआ है। पहले जानकारी मिली थी कि 4 महीने पहले इसका पता चला था। दैनिक भास्कर ने जब सरकारी रिकॉर्ड खंगाले तो पता चला कि करीब 9 माह पहले ये बात सामने आ चुकी थी। इसके बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिम्मेदारों का अब तक कुछ पता नहीं है। सतना में 5 थैलेसीमिया के बच्चों को संक्रमित खून चढ़ा दिया गया, जिसके बाद वे एचआईवी पॉजिटिव हो गए। बताया जा रहा है कि ये बच्चे अब तक करीब 200 ब्लड डोनर के संपर्क में आ चुके हैं। 3 ब्लड बैंकों से अब तक 189 यूनिट ब्लड ट्रांसफ्यूजन हो चुका है। मामले की जांच के लिए राज्य और जिला स्तर पर अलग-अलग जांच टीमें गठित की गई हैं। मार्च में पहला एचआईवी पॉजिटिव मामला सामने आया
स्वास्थ्य विभाग को 20 मार्च 2025 को पहली बार थैलेसीमिया पीड़ित 15 वर्षीय लड़की के एचआईवी पॉजिटिव होने की जानकारी मिली थी। नाबालिग ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए जिला अस्पताल पहुंची थी, जहां जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मामला सामने आने पर और बच्चों की जांच कराई गई। जांच में 9 साल के दो थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों में 26 और 28 मार्च को एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके बाद 3 अप्रैल को 15 वर्षीय चौथे थैलेसीमिया पीड़ित नाबालिग की रिपोर्ट भी एचआईवी पॉजिटिव आई। इसके बाद आनन-फानन में ब्लड डोनर्स और ट्रांसफ्यूजन रिकॉर्ड की जांच शुरू की गई। 3 साल बच्ची पहले से थी एचआईवी पॉजिटिव
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, 1 अप्रैल को 3 वर्षीय थैलेसीमिया पीड़ित बच्ची भी एचआईवी पॉजिटिव पाई गई थी। इस बच्ची के माता-पिता भी एचआईवी पॉजिटिव हैं। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह मामला अन्य 4 बच्चों से अलग है। तीन अलग-अलग ब्लड बैंक से लिया गया ब्लड
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, चारों पीड़ित बच्चों को जिला अस्पताल, बिरला हॉस्पिटल और जबलपुर में ब्लड चढ़ाया गया है। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. देवेंद्र पटेल ने बताया कि चारों बच्चों को सबसे ज्यादा ब्लड ट्रांसफ्यूजन जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से किया गया। इसके अलावा बिरला हॉस्पिटल और जबलपुर के ब्लड बैंक से भी ब्लड लिया गया था। ब्लड बैंक प्रभारी बोले- महज खून चढ़ाने से संक्रमण नहीं होता
ब्लड बैंक प्रभारी एवं पैथोलॉजिस्ट डॉ. देवेंद्र पटेल के मुताबिक, यह कहना मुनासिब नहीं है कि केवल एचआईवी संक्रमित खून चढ़ने से संक्रमण हो सकता है। ब्लड ट्रांसफ्यूजन समेत ऐसे 4 कारण होते हैं, जिससे एचआईवी संक्रमण हो सकता है। जैसे संक्रमित सुई, माता-पिता या सेक्शुअल ट्रांसमिशन से भी एचआईवी हो सकता है। डॉ. देवेंद्र पटेल ने बताया कि किसी भी एचआईवी मरीज में संक्रमण शुरू में तुरंत नहीं पता चलता। सामान्य टेस्ट (क्लिया) में संक्रमण दिखने में 1 से 3 माह लग सकते हैं। नेट मशीन से 7-14 दिन में पुष्टि हो जाती है। अगर क्लिया टेस्ट काम नहीं करता, तो एंटीजन किट से जांच की जाती है।
जिला एड्स कंट्रोल सोसाइटी की नोडल अधिकारी को शोकॉज
मामले में सिविल सर्जन ने जिला एड्स कंट्रोल सोसायटी की नोडल अधिकारी डॉ. पूजा गुप्ता को शोकॉज नोटिस जारी किया है। सिविल सर्जन ने कहा कि इस संबंध में वस्तुस्थिति से अवगत कराना आपका दायित्व है, लेकिन आपकी ओर ऐसा नहीं किया गया। डॉ. गुप्ता को तीन दिनों में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, इस पूरे मामले को नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (नाको) ने भी संज्ञान में लिया है। राज्य और केंद्र स्तर से लगातार रिपोर्ट तलब की जा रही है। 150 डोनर की जांच, सभी की रिपोर्ट नेगेटिव
थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों में एचआईवी संक्रमण सामने आने के बाद उन रक्तदाताओं से पूछताछ शुरू कर दी गई है, जिनका ब्लड इन बच्चों को चढ़ाया गया था। भोपाल से स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने प्रभारी सीएमएचओ डॉ. मनोज शुक्ला से पूरे मामले की जानकारी तलब की है। वहीं, हेल्थ कमिश्नर तरुण राठी और फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के औषधि नियंत्रक दिनेश श्रीवास्तव ने भी पूरा ब्योरा मांगा है। राज्यस्तरीय 6 सदस्यीय जांच टीम गठित
स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर हेल्थ कमिश्नर ने 6 सदस्यीय राज्यस्तरीय जांच टीम बनाई है। टीम में डॉ. एसबी अवधिया क्षेत्रीय संचालक (स्वास्थ्य) रीवा संभाग, डॉ. रूबी खान डिप्टी डायरेक्टर एसबीटीसी/ब्लड सेल, डॉ. रोमेश जैन ब्लड ट्रांसफ्यूजन स्पेशलिस्ट एम्स भोपाल, डॉ. सीमा नवेद सीनियर ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन एंड ब्लड सेंटर भोपाल, संजीव जादोन सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर होशंगाबाद और प्रियंका चौबे डीआई सतना शामिल हैं। यह टीम बुधवार को सतना पहुंचकर जांच करेगी। सिविल सर्जन ने भी बनाई अलग जांच कमेटी
सिविल सर्जन डॉ. शुक्ला ने अपने स्तर पर भी जांच कमेटी गठित की है। इसमें शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप द्विवेदी (प्रभारी थैलेसीमिया, सिकलसेल), पैथोलॉजिस्ट डॉ. देवेंद्र पटेल और सहायक प्रबंधक डॉ. धीरेन्द्र वर्मा को शामिल किया गया है। इस टीम को तीन दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपनी होगी। ये खबर भी पढ़िए… 4 बच्चों को चढ़ाया ‘एड्स’ वाला खून…हो गए HIV पॉजिटिव: अब तक नहीं मिला डोनर सतना जिला अस्पताल के ब्लड बैंक की लापरवाही से थैलेसीमिया से पीड़ित 4 बच्चों को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ा दिया गया। मामला चार महीने पुराना बताया जा रहा है, जिसका खुलासा अब हुआ है। पूरी खबर पढ़िए…
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