समस्तीपुर में दो बाइक पर सवार चार अपराधियों ने भाजपा नेता 30 साल के रूपक कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी। अपराधियों ने रूपक को 5 गोलियां मारी थी, जिसमें से एक गोली शरीर में फंसी मिली, जबकि चार शरीर के आरपार हो गई थी। मृतक के भाई दीपक सहनी का कहना है कि, सम्राट चौधरी गृह मंत्री हैं। हमलोग उनकी पार्टी के लिए काम करते थे। देख लीजिए गृह मंत्री जी, आपकी पार्टी के नेता की हत्या हो गई। हमलोग आपकी पार्टी में हैं, आपके दल में हैं, संगठन का काम देख रहे हैं। हम लोगों के साथ अगर घटना हो रही है, तो फिर आम आदमी के साथ क्या होगा या होता होगा वहीं मृतक की मां का कहना है कि, ‘मेरे बेटे की हत्या के सभी पांचों आरोपी पहले से ही मेरे दोनों बेटों को धमकाते थे। पहले से एक केस था, कहते थे कि अगर केस वापस नहीं लिया तो गोली मार देंगे। बुधवार रात को आरोपियों ने आखिरकार मेरे बेटे को गोली मार ही दी।’ ‘आरोपी मेरे बेटे को बाजार में, रास्ते में, खेत में घेर लेते थे। कहते थे कि केस वापस लो, अगर नहीं लिया तो हत्या कर देंगे फिर क्या ही कर लोगे। सोनू, मोनू, पप्पू चौधरी, गुलशन और विजय चौधरी ने मेरे बेटे का मर्डर किया है।’ ‘आरोपियों की पुलिस से साठगांठ थी। थाना में केस मैनेज कर लेते थे, कहते थे कि पुलिस हम लोगों को सलाम करती है। आरोपी पैसे वाले हैं। कहते थे कि जितना केस करोगे, उतनी बार गोली मारेंगे।’ इस मामले में समस्तीपुर के एसपी अरविंद प्रताप सिंह ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 3 लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि लापरवाही बरतने की शिकायत पर खानपुर थानाध्यक्ष रंजीत चौधरी को निलंबित कर दिया। आज भाजपा नेता रूपक कुमार का अंतिम संस्कार किया जाएगा। अपराधियों ने आखिर वारदात को क्यों अंजाम दिया, मृत भाजपा नेता से आरोपियों की क्या दुश्मनी थी, मृत भाजपा नेता की मां, भाई और परिवार के अन्य सदस्यों ने क्या कहा? पढ़िए, पूरी रिपोर्ट। सबसे पहले रूपक हत्याकांड की 3 तस्वीरें देखिए अब जानिए, रूपक सहनी कौन था? रूपक सहनी शादीपुर में इंटरनेट कैफे चलाता था। ग्राहक सेवा केंद्र से जुड़े काम भी करता था। रूपक का बड़ा भाई दीपक सहनी भाजपा का मीडिया सेल देखते हैं। दरअसल, पिछले साल खानपुर की नीलम सहनी भाजपा उत्तरी की जिलाध्यक्ष बनी थीं। नीलम सहनी, रूपक और दीपक की रिश्तेदार हैं। दोनों भाइयों ने पहले से पार्टी की सदस्यता ली थी। रिश्तेदार नीलम सहनी की जीत में उन्होंने भी कार्यकर्ता बनकर अपनी भूमिका निभाई थी। लिहाजा, पार्टी की ओर से दीपक को मीडिया प्रभारी बनाया गया, जबकि रूपक को शादीपुर बूथ का अध्यक्ष बना दिया गया। दोनों भाई मन लगाकर संगठन में काम कर रहे थे। अब जानिए, आखिर गोलीकांड की वजह क्या है, कैसे शुरू हुई दुश्मनी रूपक सहनी की दुकान से करीब 200 मीटर दूर शादीपुर घाट गांव के रहने वाले सोनू, मोनू चौधरी ने कोल्ड ड्रिंक्स, खाने-पीने की दुकान खोली थी। गांव के लोगों की माने तो इस दुकान की आड़ में सोनू और मोनू चौधरी शराब का अवैध कारोबार कर रहे थे। दुकान पर गांव के लोगों ने कई बार अवैध गतिविधियां देखी थी। गांव के लोगों ने कैमरे पर न आने और नाम न बताने की रिक्वेस्ट पर बताया कि, रूपक ने शराब के अवैध कारोबार और अवैध गतिविधियों की शिकायत पुलिस से की थी। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी की तो सोनू और मोनू को पता लगा कि ये सब कुछ रूपक ने ही कराया है। लिहाजा, सोनू और मोनू चौधरी ने रूपक के इंटरनेट कैफे में जमकर तोड़फोड़ की थी। इसके बाद रूपक ने अपने भाई दीपक के साथ मिलकर सोनू, मोनू चौधरी के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। बस यहां से दोनों पक्षों के बीच दुश्मनी बढ़ गई। दरअसल, सोनू और मोनू चौधरी के चाचा पप्पू चौधरी की पत्नी पंचायत समिति सदस्य है। वे जदयू से जुड़े हैं। राजनीति पहचान होने की वजह से पप्पू चौधरी और उनके दोनों भतीजों का पुलिस और थाना के पास आना जाना भी लगा रहता था। रूपक और दीपक के परिवार का भी आरोप है कि सोनू और मोनू और दोनों के चाचा पप्पू चौधरी की पुलिस से साठगांठ थी। लिहाजा, हत्याकांड के बाद एसपी अरविंद प्रताप सिंह ने सबसे पहले थाना अध्यक्ष रंजीत चौधरी को ही सस्पेंड किया। आगे पढ़िए, रूपक के भाई दीपक ने दैनिक भास्कर को क्या बताया? मैं बुधवार की शाम को समस्तीपुर में था। इसी दौरान मेरे भाई रूपक ने मुझे कॉल किया और कहा कि मैं घर जा रहा हूं, मैंने कहा कि 10 मिनट रुक जाओ, मैं भी आ रहा हूं, दोनों भाई साथ चलेंगे। फिर मैंने कहा कि चलो ठीक है, दुकान बंद कर लिया है तो तुम घर चलो, मैं आता हूं। घर से इंटरनेट कैफे की दूरी ज्यादा नहीं है। करीब 10 मिनट बाद मैं खानपुर पहुंचा तो मुझे किसी का कॉल आया और बताया गया कि तुम्हारे भाई रूपक को किसी ने गोली मार दी है। मुझे जानकारी मिली कि भाई को खानपुर प्राइमरी हेल्थ सेंटर ले जाया गया है तो मैं सीधा खानपुर पीएचसी पहुंचा, लेकिन यहां डॉक्टरों ने मेरे भाई रूपक को मृत घोषित कर दिया। दीपक ने कहा- पिछले 8 महीने से लगातार मेरे भाई को धमकी दी जा रही थी दीपक ने कहा कि पिछले 8 महीने से मेरे भाई को लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही थी। हम लोगों ने इस संबंध में थाना में आवेदन भी दिया था, पुलिस अधिकारियों से भी मुलाकात कर शिकायत की थी, आरोपी नामजद भी हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ये संयोग ही है कि हत्या से पहले रूपक ने अपने मोबाइल में घटना को रिकार्ड करने की कोशिश की, जिसमें आरोपियों की ओर से मेरे भाई को धमकाने और फिर गोली चलने की आवाज आ रही है। दीपक ने कहा कि ये सब कुछ हम लोगों के साथ इसलिए हुआ कि हम शराब कारोबारी नहीं है। यही मेरा और मेरे भाई का अपराध था। आरोपियों ने दो बार पहले भी मेरे भाई पर जानलेवा हमला किया था। एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। जब भी पुलिस आरोपियों के पास पहुंचती या उसके दुकान पर छापेमारी करती, वो मेरे भाई से कहता था कि तुम्हें गोली मार देंगे, तुम्हारी हत्या कर देंगे। ‘वो 10 मिनट मेरे लिए जीवन भर का दर्द बन गया’ दीपक ने कहा कि मैंने भाई से 10 मिनट रुकने को, फिर जाने को कह दिया। वो 10 मिनट मेरे लिए जीवन भर का दर्द बन गया। पुलिस से लगातार शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होती थी, इसलिए आरोपियों का मनोबल बढ़ा हुआ था। पुलिस अधिकारियों को लगता था कि हम लोग राजनीति से जुड़े हुए हैं, तो फर्जी आवेदन देते हैं, शिकायत करते हैं। लेकिन जब भी घटना होती थी, हम लोग तभी कार्रवाई की मांग करते थे। गुरुवार सुबह भड़के लोगों ने आरोपियों की दुकान में लगाई आग रूपक की हत्या के बाद गुरुवार सुबह आक्रोशित लोगों ने आरोपी सोनू, मोनू चौधरी की दुकान को आग के हवाले कर दिया। उसकी दुकान को लोगों ने शराब के अवैध कारोबार का अड्डा बताया। इसके अलावा, आक्रोशितों ने शादीपुर घाट के पास आगजनी कर खानपुर- शादीपुर घाट सड़क को शाम के पांच बजे तक जाम रखा। गोलीबारी के आरोपी सोनू, मोनू, पप्पू चौधरी, गुलशन और विजय चौधरी और मृतक रूपक के घर की दूरी महज 100 मीटर की होगी। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस कैंप कर रही है। पुलिस को एहतियातन गांव में तैनात किया गया है। हत्याकांड के बाद सदर डीएसपी-2 संजय कुमार ने बताया कि मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में खानपुर के थानाध्यक्ष रंजीत चौधरी को निलंबित कर दिया गया है। हत्या मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार सोनू चौधरी के पास से एक गोली भी मिला है। इसके अलावा उसके भाई मोनू चौधरी और हरि ठाकुर को गिरफ्तार किया गया है। गांव में अभी पुलिस कैंप करेंगी। घटना में नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। फरार पप्पू चौधरी की तलाश की जा रही है।
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