जोगबनी-दानापुर वंदे भारत एक्सप्रेस पर समस्तीपुर और दुबहा स्टेशन के बीच अज्ञात असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। हमले में चेयर कार कोच का एक कांच पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, जिस सीट के पास शीशा टूटा, वहां बैठे यात्री पूरी तरह सुरक्षित हैं और उन्हें किसी तरह की चोट नहीं आई है। घटना के बाद ट्रेन में कुछ देर के लिए अफरातफरी का माहौल बन गया। यात्रियों में डर देखा गया, लेकिन रेलवे कर्मचारियों ने स्थिति को संभालते हुए यात्रियों को शांत कराया। सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और संबंधित रेलवे अधिकारी अलर्ट मोड में आ गए। हालांकि नारायणपुर आरपीएफ प्रभारी पंकज कुमार ने जोगबनी–दानापुर वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव से इनकार किया है, उन्होंने ने बताया कि ऐसी घटना की जानकारी मेरे पास नही है । जीएम और डीआरएम की मौजूदगी के बावजूद वारदात पत्थरबाजी की यह घटना ऐसे समय हुई है, जब पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह उसी इलाके में दौरे पर हैं। उनके साथ समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम ज्योति प्रकाश मिश्रा भी मौजूद हैं। इसके बावजूद वंदे भारत जैसी हाई-सिक्योरिटी ट्रेन पर पत्थरबाजी की घटना होना रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। पहले भी निशाना बन चुकी है वंदे भारत इससे पहले भी गोरखपुर–पाटलिपुत्र वंदे भारत एक्सप्रेस को चार दिन पहले कांटी इलाके में पत्थरबाजी का शिकार बनाया गया था। उस घटना में ट्रेन की तीन अलग-अलग बोगियों के शीशे टूट गए थे। बाद में जांच के दौरान तीन नाबालिगों को हिरासत में लिया गया, जिनसे पूछताछ के बाद घटना की पुष्टि हुई थी। बावजूद इसके, पत्थरबाजी की घटनाओं पर पूरी तरह लगाम नहीं लग सकी है। तय समय पर चली ट्रेन, दानापुर में बदला गया कांच रेलवे अधिकारियों के अनुसार, जोगबनी–दानापुर वंदे भारत एक्सप्रेस सुबह 9:28 बजे समस्तीपुर से रवाना हुई थी और सुबह 10:13 बजे मुजफ्फरपुर स्टेशन पहुंची। इसी दौरान दुबहा स्टेशन के पास पत्थरबाजी की घटना हुई। इसके बाद ट्रेन अपने निर्धारित रूट पर आगे बढ़ती रही और दानापुर स्टेशन पहुंचने पर क्षतिग्रस्त कांच को बदल दिया गया। आरपीएफ ने शुरू की दोहरी जांच घटना के बाद आरपीएफ ने नारायणपुर और समस्तीपुर दोनों इलाकों में अलग-अलग टीमें बनाकर जांच शुरू कर दी है। स्थानीय थाना पुलिस के सहयोग से आसपास के गांवों और संदिग्ध इलाकों में पूछताछ की जा रही है। साथ ही रेलवे ट्रैक के किनारे लगे सीसीटीवी कैमरों और मोबाइल टावर लोकेशन के जरिए भी आरोपियों की पहचान की कोशिश की जा रही है। आरपीएफ अधिकारियों का कहना है कि वंदे भारत जैसी अत्याधुनिक और प्रीमियम ट्रेनों की सुरक्षा से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा। पत्थरबाजों की पहचान होते ही उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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