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सदर अस्पताल में चोरी के बाद भी पुलिस के हाथ खाली, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

भास्कर न्यूज|कटिहार सदर अस्पताल परिसर में स्थित मातृ-शिशु अस्पताल भवन की छत से लाखों रुपये मूल्य के कॉपर वायर और कॉपर पाइप की चोरी के मामले में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं। हैरानी की बात यह है कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद न तो चोर की गिरफ्तारी हो सकी है और न ही किसी जिम्मेदार पर ठोस कार्रवाई की गई है। यह पहला मामला नहीं है। सदर अस्पताल में आए दिन मरीजों और उनके परिजनों की साइकिल, मोटरसाइकिल, ई-रिक्शा, मोबाइल समेत अन्य सामानों की चोरी होती रही है। लेकिन हर बार अस्पताल प्रशासन चोरी की घटनाओं का ठीकरा मरीजों और उनके परिजनों पर फोड़ देता है। जबकि सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को पूरी तरह से दोषमुक्त बताया जाता है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब अस्पताल के अंदर ही लाखों रुपए की संपत्ति चोरी हो गई। तब भी सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाली समानता गार्ड एजेंसी पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। जबकि हर महीने सदर अस्पताल की सुरक्षा के नाम पर स्वास्थ्य विभाग से एजेंसी लाखों रुपये लेती है। ऐसे में इस चोरी की नैतिक और व्यावहारिक जिम्मेदारी सीधे तौर पर सुरक्षा एजेंसी पर ही बनती है। अगर सुरक्षा में तैनात कर्मी अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाते तो इतनी बड़ी चोरी संभव ही नहीं थी। इससे पहले सदर अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था होमगार्ड जवानों के जिम्मे थी। उस समय न सिर्फ सुरक्षा बेहतर थी। बल्कि चोरी की घटनाओं पर भी काफी हद तक अंकुश लगा हुआ था। लेकिन जैसे ही सुरक्षा की जिम्मेदारी समानता गार्ड एजेंसी को सौंपी गई। अस्पताल परिसर में चोरी की घटनाएं आम हो गईं। नियमों के अनुसार सदर अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा देने से पहले समानता गार्ड एजेंसी को निर्देश दिया गया था कि सुरक्षा कर्मियों के रूप में रिटायर्ड आर्मी जवानों की नियुक्ति की जाए। इन्हें प्रति माह 25 हजार रुपए वेतन देना तय था। लेकिन आरोप है कि एजेंसी ने रिटायर्ड आर्मी जवानों की जगह अनट्रेंड और अनुभवहीन लोगों को सुरक्षा में लगा दिया। जिन्हें मात्र आठ हजार रुपए वेतन दिया जा रहा है। स्थिति यह है कि कई तथाकथित सुरक्षाकर्मी अस्पताल में सुरक्षा करने के बजाय फूलों में पानी देना, पदाधिकारियों के लिए चाय लाना और दलाली जैसे कामों में लगे रहते हैं। कुछ पर मरीजों से जांच और डॉक्टर दिखाने के नाम पर अवैध वसूली के भी गंभीर आरोप हैं। ऐसे कर्मियों को न तो सुरक्षा कार्यों की समझ है और न ही जिम्मेदारी का एहसास। अब जब अस्पताल में सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद लाखों की चोरी हो चुकी है। एजेंसी ने रिटायर्ड आर्मी जवानों की जगह अनट्रेंड को रखा गार्ड एजेंसी को भी पत्र लिख जवाब मांगा गया ^इस मामले में जब अस्पताल प्रबंधक से बात की गई तो उनका कहना था की चोरी को लेकर अस्पताल उपाधीक्षक मैडम की ओर से नगर थाना में मामला दर्ज कराया गया है और साथ ही गार्ड एजेंसी को भी पत्र लिखा गया है और उनसे जवाब मांगा गया है। …..चंदन कुमार सदर, अस्पताल प्रबंधक।


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