मधेपुरा के बिहारीगंज थाना क्षेत्र के देवैल गांव में 23 नवंबर की रात सड़क किनारे घायल अवस्था में मिले बेचन मुखिया (48) की इलाज के दौरान रविवार को पटना में मौत हो गई। पुलिस ने मामले में 3 नामजद अभियुक्तों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है, लेकिन अब तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। बेचन मुखिया की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने मंगलवार सुबह शव को सड़क पर रखकर 6 घंटे तक प्रदर्शन किया। बताया जाता है कि 23 नवंबर की रात बेचन मुखिया अपने घर से लगभग 300 मीटर दूर गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिले थे। उनके दाहिने पैर, छाती, गर्दन और चेहरे पर धारदार हथियार से कई वार किए गए थे। बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया था तत्काल उन्हें डायल 112 पुलिस व परिजनों की मदद से स्थानीय अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया था। रविवार दोपहर लगभग 2 बजे इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना के तीन दिन बाद मृतक की बेटी रंजन देवी ने बिहारीगंज थाना में आवेदन देकर मो. मुजाहिद, मो. नूर आलम व मो. इरफान पर FIR दर्ज कराई थी। बहाने से बुलाकर मारपीट किया, मरा समझ कर झाड़ी में फेंका रंजन देवी के अनुसार करीब 10 दिन पहले घर के दरवाजे पर बैठे होने के दौरान मुजाहिद और उनके पिता के बीच कहासुनी हुई थी। बेटी का कहना है कि उसी विवाद को लेकर आरोपियों ने 23 नवंबर की रात बहाने से उनके पिता को बुलाकर मारपीट किया और मरा समझ कर झाड़ी में फेंक दिया। पुलिस गाड़ी को तोड़फोड़ करने का प्रयास भी करने लगे प्रदर्शनकारियों ने कहा कि घटना को 10 दिन हो चुके हैं पर अभी तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई। कुछ लोग पुलिस गाड़ी को तोड़फोड़ करने का प्रयास भी करने लगे, जिसे मौके पर मौजूद कुछ बुद्धिजीवियों और ग्रामीणों ने समझा-बुझा कर रोक दिया। फिलहाल माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है और भारी पुलिस तैनाती की जानकारी मिली है। बिहारीगंज थाने की पुलिस लोगों को समझने का प्रयास कर रही है।
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