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सऊदी अरब का यमन के मुकल्ला शहर पर हवाई हमला:दावा- UAE से हथियारों की खेप आ रही थी, अलगाववादी गुट को भेजने का आरोप

सऊदी अरब ने मंगलवार को यमन के पोर्ट शहर मुकल्ला पर हवाई हमला किया। उसने दावा किया कि यहां संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से अलगाववादी गुट को हथियारों की खेप भेजी गई थी। सऊदी की सरकारी समाचार एजेंसी के मुताबिक, UAE के फुजैरा पोर्ट से मुकल्ला आए दो जहाजों से बड़ी मात्रा में हथियार और सैन्य वाहन उतारे जा रहे थे। इन जहाजों के ट्रैकिंग सिस्टम बंद थे। सऊदी अरब का कहना है कि ये हथियार सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (STC) नाम के अलगाववादी गुट को दिए जा रहे थे। सऊदी सेना ने कहा कि ये हथियार शांति और स्थिरता के लिए खतरा थे। इसलिए वायुसेना ने सीमित हवाई हमला कर हथियारों और सैन्य वाहनों को निशाना बनाया। हमला रात में किया गया ताकि आम लोगों को नुकसान न पहुंचे। सऊदी ने ऑपरेशन का एक वीडियो भी जारी किया यमन ने UAE से डिफेंस डील रद्द की यमन की प्रेसिडेंशियल लीडरशिप काउंसिल ने UAE के साथ रक्षा समझौता रद्द कर दिया है। काउंसिल के प्रमुख रशाद अल-अलीमी ने कहा कि यह फैसला देश की संप्रभुता और सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। टीवी संबोधन में अल-अलीमी ने यह भी ऐलान किया कि UAE की सेनाओं को 24 घंटे के भीतर यमन छोड़ना होगा। इसके साथ ही सरकार ने हालात को काबू में रखने के लिए 72 घंटे की हवाई, थल और समुद्री नाकाबंदी और 90 दिनों के लिए आपातकाल घोषित किया है। यमन सरकार का कहना है कि हालिया घटनाक्रम से देश के पूर्वी और दक्षिणी इलाकों में अस्थिरता बढ़ी है। इस फैसले से यमन में सऊदी अरब और यूएई के बीच तनाव और बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। सऊदी ने यमन पर हमला क्यों किया? पिछले महीने UAE समर्थित सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल (STC) ने यमन में बड़े पैमाने पर हमले शुरू किए यह गुट यमन को उत्तर और दक्षिण दो अलग देशों में बांटना चाहता है। STC की हथियारबंद फौजों ने हद्रामौत और अल-मह्रा जैसे तेल-समृद्ध इलाकों पर कब्जा कर लिया। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमनी सरकार की सुरक्षा बलों और स्थानीय कबीलों को पीछे हटना पड़ा, कई लोग मारे गए। इन हमलों के बाद STC कई अहम तेल और गैस क्षेत्र पर कब्जा हो गया। दिसंबर के मध्य तक गुट ने दक्षिणी अबयान प्रांत में नई सैन्य कार्रवाई की घोषणा कर दी और दावा किया कि देश के दक्षिणी हिस्सों पर उसका नियंत्रण है। पिछले हफ्ते सऊदी ने हद्रामौत के वादी नहाब इलाके में STC के ठिकानों के पास चेतावनी देने के लिए हवाई हमले किए। इसके साथ ही रियाद ने साफ चेतावनी दी कि अगर STC ने कब्जाए गए इलाकों से पीछे नहीं हटे, तो आगे और सैन्य कार्रवाई की जाएगी। यमन में 2014 में शुरू हुआ था गृह युद्ध यमन में हूती विद्रोहियों ने 2014 में सऊदी के समर्थन वाली सरकार को हटा दिया था। इसके बाद 2015 में सऊदी के नेतृत्व वाले मिलिट्री अलायंस ने ईरान समर्थित हूतियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इस जंग में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। इसके बाद यमन की 80% जनता मानवीय सहायता पर निर्भर हो गई। यमन में गृह युद्ध की मुख्य वजह शिया और सु्न्नी विवाद था। दरअसल यमन की कुल आबादी में 35% की हिस्सेदारी शिया समुदाय की है जबकि 65% सुन्नी समुदाय के लोग रहते हैं। कार्नेजी मिडल ईस्ट सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों समुदायों में हमेशा से विवाद रहा था जो 2011 में अरब क्रांति की शुरूआत हुई तो गृह युद्ध में बदल गया। देखते ही देखते हूती के नाम से मशहूर विद्रोहियों ने देश के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया। 2015 में हालात ये हो गए थे कि विद्रोहियों ने पूरी सरकार को निर्वासन में जाने पर मजबूर कर दिया था।


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