बागपत में भारतीय किसान यूनियन (संघर्ष मोर्चा) के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीटू नैन सहित कई किसानों को रविवार सुबह पुलिस ने उनके घरों में नजरबंद कर दिया। ये किसान बागपत से दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर होते हुए संसद भवन तक मार्च निकालने की तैयारी में थे। पुलिस प्रशासन ने संभावित आंदोलन और कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए यह एहतियाती कार्रवाई की। जानकारी के मुताबिक, रविवार सुबह से ही बागपत जिले के कई गांवों में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। अधिकारियों ने किसान नेताओं के घरों के बाहर पहरा लगाया, ताकि कोई भी किसान मार्च में शामिल न हो सके। बीकेयू (संघर्ष मोर्चा) के नेता नीटू नैन ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि सरकार किसानों की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है, लेकिन आंदोलन की आग अब हर गांव तक फैलेगी। नीटू नैन ने बताया कि किसानों के संसद मार्च का उद्देश्य कृषि कानूनों से जुड़े लंबित मुद्दों, फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी, बिजली बिल संशोधन और किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की वापसी की मांग उठाना था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, किसानों को शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने की सलाह दी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना अनुमति किसी भी तरह की रैली या संसद मार्च की इजाजत नहीं दी जा सकती। फिलहाल जिले में स्थिति शांत बनी हुई है, हालांकि ग्रामीण इलाकों में किसानों में नाराजगी देखी जा रही है। बीकेयू (संघर्ष मोर्चा) ने जल्द ही नई रणनीति के साथ आंदोलन को आगे बढ़ाने की चेतावनी दी है।
https://ift.tt/0auhtOA
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply