बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ हो रहे कथित अत्याचार, हत्या और बलात्कार की घटनाओं के विरोध में गुरुवार को मुजफ्फरपुर में विरोध मार्च निकाला गया। अंतर्राष्ट्रीय सनातन हिंदू वाहिनी और विश्व सनातन सेवा की ओर से एक साथ निकाले गए मार्च में सैंकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी शामिल हुए। विरोध मार्च कंपनी बाग स्थित अमर शहीद खुदीराम बोस स्मारक से शुरू होकर सरैयागंज टावर चौक पर खत्म हुआ। मार्च में बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता और सनातनी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए हिंदू समाज की एकता का प्रदर्शन किया और बांग्लादेश में हो रहे कथित अत्याचारों पर तत्काल रोक लगाने की मांग की। पुतला घसीटते हुए किया प्रदर्शन आक्रोश मार्च के दौरान कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस का के पुतले को घसीटते हुए विरोध जताया। कंपनी बाग से टावर चौक तक प्रदर्शन के दौरान माहौल पूरी तरह आक्रोश पूर्ण रहा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अंतर्राष्ट्रीय सनातन हिंदू वाहिनी के केंद्रीय अध्यक्ष आचार्य चंद्र किशोर पाराशर ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में सरकार की सह पर हिंदुओं पर हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वहां हिंदू नौजवानों को जिंदा जलाने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे पूरा हिंदू समाज भय और आक्रोश में है। पीएम मोदी से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुद्दा उठाने की मांग आचार्य पाराशर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि भारत सरकार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से उठाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हिंदू समाज पर हो रहे हमलों को नहीं रोका गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज पर किसी भी तरह का हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आचार्य चंद्रकिशोर पराशर ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समाज पर काफी लंबे समय से अत्याचार हो रहा है और उस अत्याचार को रुकने का नाम नहीं लेता है। इसके लिए पूरे भारतवर्ष में और पूरी दुनिया में उबाल है। हमारी मांग है कि संयुक्त राष्ट्र संघ बांग्लादेश में शांति सेना भेजें और दूसरी मांग हमारी हैं कि नरेंद्र मोदी की सरकार अविलंब बांग्लादेश से राजनयिक संबंध समाप्त करें और जितने भी व्यापारिक संबंध हैं, उनको ड्रॉप करें और समाप्त करें।
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