धर्मनगरी वृंदावन के विशालतम श्री रंगनाथ मंदिर में रविवार को भगवान रंगनाथ का अन्नकूट महोत्सव विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के मध्य मनाया गया। जिसमें भगवान रंगनाथ ने गिरि गोवर्धन धारी स्वरूप में दर्शन देकर भक्तों को कृतार्थ किया। बांसुरी धारण किए भगवान गोदा रंगमन्नार को अन्नकूट प्रसाद निवेदित किया गया। भगवान के अन्नकूट दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। दक्षिण भारतीय शैली का है श्री रंगनाथ मंदिर दक्षिणात्य शैली के प्रसिद्ध श्री रंगनाथ मंदिर में कार्तिक शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर अन्नकूट महोत्सव की परंपरा है। मंदिर प्रबंधन ने कार्तिक शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर विधिविधान पूर्वक अन्नकूट महोत्सव का भव्य आयोजन किया। प्रातः काल से ही मंदिर के सेवायत विद्वानों द्वारा तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा था। करीब 1 बजे जैसे ही धूर गोले की आवाज के साथ दर्शन खुलने का संकेत हुआ। रंगनाथ भगवान की जय जयकार से मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा। आरती के बाद उमड़ी भीड़ सेवायत पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोचार से ठाकुर जी की आराधना की गई,आरती की गई। गिरि गोवर्धन धारी स्वरूप भगवान की कुंभ आरती उतार कर अन्नकूट प्रसाद निवेदित किया गया। विविध प्रकार के व्यंजन सोने चांदी से बने थाल में सजाए गए थे। जिसके दर्शनार्थ बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में उमड़ने लगे। राधा कृष्ण स्वरूप हैं भगवान गोदा रंगमन्नार मंदिर के पुरोहित विजय मिश्र ने बताया ब्रज के मंदिरों में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का विशेष महत्व है। क्योंकि भगवान गोदा रंगमन्नार भगवान राधाकृष्ण का ही स्वरूप हैं इसलिए दक्षिण भारतीय शैली के श्री रंगनाथ मंदिर में इस उत्सव को प्रमुखता से मनाया जाता है। मंदिर के पुजारी,रसोइया पिछले 3 दिन से अन्नकूट उत्सव में अर्पित किए जाने वाले व्यंजनों को तैयार कर रहे थे। गाय के गोबर से बनाए गिर्राज जी अन्नकूट उत्सव में स्वर्ण स्तंभ के पास गाय के गोबर से गिर्राज जी भी बनाए गए थे। अन्नकूट उत्सव के दर्शन के बाद सभी प्रसाद का मिश्रण किया गया जिसे भक्तों में वितरित किया गया। इस दौरान भक्तों का उत्साह देखते बन रहा था।
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