बस्ती में गंगोत्री धाम से नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर जा रही श्री गंगा कलश यात्रा का बुधवार को भव्य स्वागत किया गया। हाईवे स्थित संसारीपुर चौराहे पर समाजसेवी लक्ष्मीकांत ओझा के नेतृत्व में क्षेत्रवासियों ने यात्रा का फूल-मालाओं से स्वागत किया। इस दौरान विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना और आरती की गई, जिससे ‘हर हर गंगे, जय मां गंगे’ के जयकारों से वातावरण भक्तिपूर्ण हो गया। गंगोत्री धाम के रावल शिव प्रकाश महाराज ने इस अवसर पर बताया कि यह विश्व का सबसे बड़ा गंगा कलश है, जिसकी क्षमता 1100 लीटर है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा सनातन धर्म की पवित्रता, विश्व शांति और सद्भावना को समर्पित है। रावल महाराज ने जानकारी दी कि गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद हर वर्ष गंगा जल से भरा यह कलश नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर तक ले जाया जाता है। वहां पूरे वर्ष इसी जल से भगवान पशुपतिनाथ का विशेष जलाभिषेक किया जाता है। रावल महाराज ने आगे बताया कि यह परंपरा प्राचीन वैदिक काल से चली आ रही है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत-नेपाल की मैत्री, अखंडता और विश्व कल्याण का संदेश देना है। उन्होंने सूचित किया कि यह कलश कार्तिक शुक्ल शिव त्रयोदशी, 3 नवंबर को भगवान पशुपतिनाथ को अर्पित किया जाएगा। इस अवसर पर राम सिंगार ओझा, अम्बिका प्रसाद ओझा, माधव दास ओझा, उमाकांत तिवारी, आशुतोष शुक्ल, अमरनाथ शुक्ल, कृपा शंकर ओझा, जगदंबा प्रसाद ओझा, संतोष शुक्ल, विवेक कांत पाण्डेय, श्रीराम निषाद, पंकज ओझा, मनीष पाण्डेय, विपिन शुक्ल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
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