DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

शेखपुरा का खांड पहाड़ बना पर्यटन केंद्र:स्थानीय युवाओं की मेहनत से संवर रहा आस्था और प्रकृति का संगम

शेखपुरा शहर की गोद में स्थित खांड पर पहाड़ अब धीरे-धीरे एक रमणीक धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में उभरता नजर आ रहा है। करीब 500 फीट ऊंची पर्वत श्रृंखला पर स्थापित देवी कामाख्या और संतोषी मां के मंदिरों में इन दिनों भक्तों और श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। सालों तक उपेक्षित रहे इस पहाड़ की बदली हुई तस्वीर के पीछे सबसे अहम भूमिका स्थानीय युवाओं की है, जो बिना किसी स्वार्थ के इसे संवारने और सजाने में जुटे हुए हैं। उपेक्षा से पहचान तक का सफर लंबे समय तक खांड पर पहाड़ न तो प्रशासन की प्राथमिकता में रहा और न ही किसी योजना का हिस्सा बन सका। चारों ओर जंगली घास, झाड़ियां और कचरे का अंबार लगा रहता था। धार्मिक महत्व होने के बावजूद श्रद्धालुओं को यहां आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जब किसी ने इस स्थल की जिम्मेदारी नहीं ली, तब खांड पर के युवाओं ने खुद आगे बढ़कर श्रमदान का बीड़ा उठाया। नववर्ष 2026 को लेकर तेज हुआ अभियान नववर्ष 2026 के आगमन को देखते हुए युवाओं ने पहाड़ पर सफाई और व्यवस्था सुधार का कार्य तेज कर दिया है। कड़ाके की ठंड और भीषण शीतलहर के बावजूद उत्साही युवक दिन के साथ-साथ रात में भी श्रमदान कर रहे हैं। पहाड़ पर चढ़ाई के लिए बनी 201 सीढ़ियों की रंगाई-पुताई, सफाई और मरम्मत का कार्य लगातार जारी है। सीढ़ियों से लेकर बैठने की जगह तक बदला नजारा स्थानीय युवाओं ने पहाड़ पर फैली जंगली घास, सूखे पत्ते और कचरे को हटाकर श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने और बैठने की समुचित व्यवस्था की है। टूट चुकी सीढ़ियों की मरम्मत, रेलिंग की सफाई और रंग-रोगन में युवाओं की सक्रिय भागीदारी साफ दिखाई देती है। यह पूरा कार्य पूरी तरह स्वैच्छिक है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और जनहित की भावना प्रमुख है। आग की आशंका को लेकर पहले से सतर्कता श्रमदान में लगे रमेश महतो, गुड्डू कुमार, सचिन, पवन और विपुल का कहना है कि नववर्ष और अन्य पर्वों पर हजारों की संख्या में लोग खांड पर पहाड़ पहुंचते हैं। जंगली घास और गंदगी के कारण न सिर्फ असुविधा होती है, बल्कि आग लगने जैसी घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है, जिससे पहाड़ के पेड़-पौधों को भारी नुकसान हो सकता है। इसी खतरे को देखते हुए युवाओं ने समय से पहले सफाई अभियान शुरू किया। सफाई के साथ जागरूकता का संदेश यह पहल केवल सफाई तक सीमित नहीं है। युवा पहाड़ पर आने वाले लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं कि वे पेड़-पौधों को नुकसान न पहुंचाएं, नशा न करें और स्वच्छता बनाए रखें। युवाओं का कहना है कि खांड पर पहाड़ सिर्फ पिकनिक स्पॉट नहीं, बल्कि आस्था, प्रकृति और सामाजिक जिम्मेदारी का साझा स्थल है। नगर परिषद का सहयोग, लेकिन संसाधन सीमित नगर परिषद कर्मियों द्वारा भी युवाओं के इस प्रयास में सहयोग किया जा रहा है, लेकिन सीमित संसाधनों के कारण सभी कार्य एक साथ पूरे नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में युवाओं का निरंतर श्रमदान इस अभियान की रीढ़ बना हुआ है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि प्रशासन और नगर परिषद इस पहल को और मजबूती दें, तो खांड पर पहाड़ शेखपुरा जिले का आदर्श धार्मिक-पर्यटन स्थल बन सकता है। सड़क निर्माण अधूरा, सवाल बरकरार गुड्डू कुमार ने बताया कि हाल ही में नगर परिषद द्वारा पर्यटकों की सुविधा के लिए पहाड़ के नीचे से ऊपर तक सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया था। हालांकि तीखे मोड़, कम चौड़ाई और अधिक चढ़ाव के कारण पहाड़ के ऊपर तक वाहनों के पहुंचने में दिक्कतें सामने आईं। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद निर्माण कार्य रुक गया, लेकिन संवेदक की उपेक्षापूर्ण नीति के कारण ऊपर का सड़क निर्माण महीनों से बंद पड़ा है। युवाओं की एकजुटता बनी मिसाल कुल मिलाकर खांड पर पहाड़ आज स्थानीय युवाओं की एकजुटता, सकारात्मक सोच और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक बनकर उभर रहा है। यह पहल साबित करती है कि जब युवा चाह लें, तो उपेक्षित स्थल भी दोबारा पहचान और सम्मान हासिल कर सकते हैं।


https://ift.tt/QcYozJX

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *